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Lucknow: गुर्दे में चोट से घायल को ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक: सर्जरी विभाग
लखनऊ: कई बार सड़क हादसे में पेट में चोट आ जाती है. इसकी वजह से यूरीन से खून आने लगता है. उस वक्त डॉक्टर खून आने के कारणों का पता लगाकर इलाज कर देते हैं. लेकिन कई बार चोट गुर्दे पर आ जाती थी. इसे नजरअंदाज करने पर सेकेंड्री हाईपरटेंशन (ब्लड प्रेशर) का खतरा बढ़ जाता है. यह जानकारी केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. एचएस पहवा ने दी.
वह केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में ट्रॉमा सर्जरी विभाग की तरफ से आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. डॉ. एचएस पहवा ने कहा कि क्योंकि गुर्दे में चोट उस समय लगता है ठीक हो गई. लेकिन चोट की वजह से मरीज का ब्लड प्रेशर गड़बड़ा जाता है. लिहाजा समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराएं.
मोबाइल पर बात कर वाहन चलाना हादसे का बड़ा कारण केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि सड़क हदासे की बड़ी वजह मोबाइल पर बात करना है. ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीज व उनके तीमारदारों से घटना की जानकारी ली जाती है जिसमें वह मोबाइल पर बात करने को कारण बताते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार सामने से आ रहे वाहन चालक फोन पर बात करते हुए गलत दिशा में गाड़ी मोड़ देते हैं. जिससे हादसा हो जाता है.
समय पर इलाज जरूरी: डॉ. समीर मिश्र ने कहा कि समय पर इलाज से ट्रॉमा के गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है. मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए जिलास्तर पर मेडिकल कॉलेज व ट्रॉमा सेंटरों की स्थिति को और बेहतर करने की जरूरत है.
सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपकरण, दवा आदि की कमी नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर इलाज के साथ लोगों को जागरुक करें. यातायात के नियमों को बताएं. क्योंकि डॉक्टरों की कही हुई प्रत्येक बात का समाज पर गहरा व सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, केजीएमयू डीन डॉ. अमिता जैन, दिल्ली से डॉ. महेश सी मिश्र, डॉ. विनोद जैन, डॉ. सुषमा सागर मौजूद थे.