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लखनऊ: परिवहन विभाग के करोड़पति सम्भागीय निरीक्षक प्राविधिक ललित कुमार के खिलाफ जांच सबूत इकट्ठा करने के लिए एंटी करप्शन यूनिट कानपुर को तीन साल नौ माह का वक्त लग गया. करोड़पति सम्भागीय निरीक्षक के खिलाफ जब सबूत इकट्ठा हो गए तब जाकर एंटी करप्शन थाना कानपुर में उसके खिलाफ 11 2024 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा (1)(बी) और (2) में एफआईआर दर्ज कराई गई. इस मामले में विवेचना की जिम्मेदारी एसएचओ एंटी करप्शन यूनिट को दी गई है. 11 सितम्बर 2020 में परिवहन आयुक्त के आदेश पर एंटी करप्शन यूनिट ने कानपुर के तत्कालीन सम्भागीय निरीक्षक प्राविधिक ललित कुमार के खिलाफ खुली जांच शुरू की थी. अब उनकी तैनाती आगरा में सहायक संभागीय अधिकारी है.
इंस्पेक्टर एंटी करप्शन यूनिट चंद्रभान सिंह के मुताबिक परिवहन आयुक्त के यहां ललित कुमार की आय से अधिक सम्पत्ति को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसपर उन्होंने एंटी करप्शन यूनिट को मामले में खुली जांच कराने के लिए कहा था. 11 सितम्बर 2020 से जांच शुरू हुई. इंस्पेक्टर चन्द्रभान के मुताबिक उनसे पहले तीन और अधिकारियों ने जांच की. जिसमें प्राथमिक तौर पर आय से अधिक सम्पत्ति होने की शिकायत सही पाई गई. रिपोर्ट पर एंटी करप्शन थाना कानपुर में 11 2024 को एफआईआर दर्ज कर ली गई.
पेश करने होंगे दस्तावेजइंस्पेक्टर चन्द्रभान सिंह ने बताया कि अब इस मामले की विवेचना एसएचओ एंटी करप्शन यूनिट करेंगे. जांच में जो दस्तावेज दाखिल किए गए हैं. उन्हें लेकर ललित कुमार को जो सफाई पेश करनी है उसके लिए उन्हें दस्तावेज दाखिल करने होंगे. विवेचना पूरी होने के बाद वह रिपोर्टलखनऊ जाएगी और वहां से कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा उसके आधार पर कार्रवाई होगी.