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उत्तर प्रदेश
इन जगहों से होकर गुजरेगा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, जानें अन्य विशेषताएं
Renuka Sahu
5 Jan 2022 5:18 AM GMT
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फाइल फोटो
भारत को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के दो सबसे जरूरी शहरों के बीच की दूरी को कम करेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के दो सबसे जरूरी शहरों के बीच की दूरी को कम करेगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पांच जनवरी को लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखेंगे। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के बारे में खास बात ये है कि ये 3D ऑटोमेटेड मशीन गाइडेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। बता दें कि यह हाईवे के डेवलपमेंट के लिए 3D AMG टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा। लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण 2023 तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है।
बता दें कि आगामी सौ सालों में बढ़ने वाले ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखकर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। शहीद पथ से शुरू होकर बनी, कांठा व अमरसास को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे कानपुर के निकट एनएच-27 के जंक्शन को कनेक्ट करेगा।
4200 करोड़ की लागत से बन रहे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की डिजाइन आठ लेन के हिसाब से तैयार की जा रही है। एक्सप्रेस-वे की सड़क छह लेन की होगी, लेकिन फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर आठ लेन के होंगे। शहीद पथ लखनऊ से बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेन एलीवेटेड रोड बनेगा, इसके बाद बनी से उन्नाव होते हुए आजाद चौराहा तक रोड 6 लेन होगी। एक्सप्रेस-वे को गंगा बैराज मार्ग,उन्नाव-लालगंज हाइवे और कानपुर में बनने वाले आउटर रिंग रोड से भी जोड़ा जाएगा।
छह फ्लाईओवर और 28 छोटे पुल भी बनेंगे
परियोजना निदेशक के अनुसार लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण में दो इंटरचेंज (लूप) का भी निर्माण होगा। इसके साथ ही छह फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा। 38 अंडरपास के साथ ही तीन बड़े पुल भी एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होंगे। इसके अलावा 28 छोटे पुल का भी निर्माण होगा। पैदल चलने के लिए 22 अंडर पास बनाए जाएंगे। वहीं उन्नाव में टोल प्लाजा बनाया जाएगा।
इन गांव से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
लखनऊ के अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहससा, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव से एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। इन गांवों से 20 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण होना है। वहीं उन्नाव के बजेहरा, हिनौरा, हसनापुर, सहारावन, काशीपुर, भीखामऊ, कंथा, सरिया, बछौरा, कुदिकापुर/मनिकापुर, मेडपुर, रायपुर, तुरी छबिनाथ, तुरी राजा साहिब, पाठकपुर, तऊरा, जगेहठा, पडरी खुर्द, जरगांव, गौरी शंकरपुर ग्रांट, नवेरना, शिपुर ग्रांट, अदेरवा, बेहटा, मोद्दिनपुर, अमरसुस, करौंदी, कोरारी कलन, कादेर पटारी में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की अन्य विशेषताएं
- 62 किलोमीटर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे
- अमौसी से बनी तक करीब 13 किमी रोड एलिवेटेड होगी।
- एक्सप्रेस-वे उन्नाव के 31 व लखनऊ के 11 गांव से होकर गुजरेगा
सैटेलाइट सिस्टम से करता है काम
एनएचएआई के एक अधिकारी के मुताबिक ये सिस्टम मशीनों पर लगे जीएनएसएस रिसीवर्स से स्थिति की जानकारी को रिले करने के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की मदद से काम करता है। कंप्यूटर परियोजना का कंप्यूटर-जनरेटेड मॉडल में मशीन के स्थान के सापेक्ष मशीन की वास्तविक होरिजेंटल और वर्टिकल स्थिति का मूल्यांकन करता है। जो ऑपरेटर मशीन के उपकरण को नियंत्रित करने के लिए ऑनबोर्ड कंप्यूटर से जानकारी का उपयोग करता है वह ऑनबोर्ड कंप्यूटर सीधे मशीन और हाइड्रोलिक्स से जुड़ा होता है।
इसके बन जाने से यात्री कानपुर से लखनऊ के बीच 62 किलोमीटर का सफर महज 45 मिनट में पूरा कर पाएंगे। एक्सप्रेस-वे के लिए एनएचएआइ ने 400 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर ली है। रक्षा मंत्री व सांसद राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्टों में शामिल लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस का निर्माण 2023 तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद लखनऊ जाने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी।
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