उत्तर प्रदेश

Lucknow: IAS और PCS अफ़सर खेत की पैमाइश लटकाने पर सस्पेंड हुए

Admindelhi1
14 Nov 2024 11:30 AM GMT
Lucknow: IAS और PCS अफ़सर खेत की पैमाइश लटकाने पर सस्पेंड हुए
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6 साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि पैमाइश में हो रही लापरवाही और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करते हुए एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन निलंबित अधिकारियों में लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त आईएएस धनश्याम सिंह, बाराबंकी के एडीएम (एफआर) पीसीएस अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट पीसीएस विधेश सिंह, और बुलंदशहर की एसडीएम पीसीएस रेणु शामिल हैं।

इन अधिकारियों पर आरोप है कि लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान उन्होंने भूमि पैमाइश के मामलों में टालमटोल किया और मामले को लंबित रखा। इस कार्रवाई के तहत इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में विधायक स्कूटी पर कलक्ट्रेट पहुंचे और एसडीएम से लेकर कानूनगो तक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायत की।

विधायक ने वीडियो में यह भी कहा कि एक सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए अधिकारियों ने 5000 रुपये की रिश्वत ली, और उन्होंने इस राशि को वापस करने की मांग की। इसके बाद राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन अधिकारियों को निलंबित किया।

बताया जा रहा है कि ये चारों अधिकारी लखीमपुर खीरी में तैनात रह चुके हैं। यह प्रकरण 6 साल पुराना बताया जा रहा है। बीते दिनों लखीमपुर खीरी से विधायक योगेश वर्मा का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह स्कूटी से कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंच गए और उस वीडियो में एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए थे।

विधायक ने रिटायर्ड शिक्षक की जमीन की पैमाइश के लिए पांच हजार रुपए घूस लेने का आरोप लगाया था। इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए सरकार ने नियुक्ति विभाग से जांच कराई थी। नियुक्ति विभाग ने डीएम लखीमपुरखीरी से रिपोर्ट मांगी थी। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर चारों अधिकारी दोषी पाए गए थे।

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