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Lucknow: युवक की हत्या में प्रेमिका, मां व मौसी गई जेल
लखनऊ: प्रेमिका के बुलावे पर उसके घर पहुंचे युवक की हत्या बड़ी बेरहमी से की गई थी. लाठी-डंडों से तब तक वार किए गए, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई. शव का पोस्टमार्टम हुआ. जिसमें शरीर में 18 से 20 चोट के निशान मिले हैं. पसलियां टूटी हैं. सिर के पीछे भी तीन वार किए गए हैं. जो मौत की वजह बने. पुलिस ने प्रेमिका, मां और अविवाहित मौसी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
असोथर थानाक्षेत्र के विधातीपुर के सुरेश कुमार रैदास का 28 वर्षीय पुत्र महेंद्र कुमार मुंबई में रहता था. को मुंबई से घर लौट रहा था. रात दस बजेबहन से बात की थी. इसके बाद उसका फोन बंद हो गया था. इस बीच को मलाव रोड थरियांव में एक बैग मिला, ग्रामीणों ने देख पुलिस को सूचना दी थी. बैग में मिले पहचान पत्र से पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी. परिजन थाने पहुंचे और बैग की शिनाख्त कर गुमशुदगी दर्ज कराई. सुबह परिजन फिर थाने पहुंचे और कस्बे की एक युवती के परिजनों पर युवक की हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया. पुलिस ने मां को हिरासत में लेकर पूछताछ की. जिसके बाद उसकी निशानदेही पर कुएं से शव बरामद हुआ था. जांच में सामने आया कि युवती के बुलाने पर ही युवक उसके घर पहुंचा था और फिर परिजनों ने लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर दी. थाना प्रभारी अरविंद राय ने बताया कि तीन नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
दूसरी बार बाल-बाल बची कालका मेल: हावड़ा से कालका जा रही कालका मेल दूसरी बार हादसे का शिकार होने से बच गई. एसी कोच के पहिये की टूटी स्प्रिंग के सहारे फर्राटा भरते ट्रेन सुबह नौ बजे पीडीडीयू जंक्शन पहुंच गई. रुटीन चेकिंग के दौरान जब रेलकर्मियों की नजर टूटी स्प्रिंग पर पड़ी तो हड़कंप मच गया. यात्रियों को उतारकर पौने तीन घंटे बाद बोगी को बदलकर आगे के लिए रवाना किया गया.
सप्ताह में दूसरी बार इस गाड़ी के एसी कोच की स्प्रिंग टूटी है. इसके पहले 31 को एसी बी 2 कोच की स्प्रिंग टूट गई थी. इससे रेल प्रशासन अभी उबर भी नहीं पाया था कि कालका मेल के एसी-बी-4 की फिर से स्प्रिंग टूट गई. इसकी जानकारी पीडीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या सात पर ट्रेन के पहुंचने पर हुई. विभागीय कर्मचारियों ने तत्काल इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों के निर्देश पर एसी-बी-4 कोच के 64 यात्रियों को नीचे उतारा गया. इसके बाद दूसरा कोच लगाकर लगभग पौने तीन घंटे बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया. इसके बाद अधिकारी और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली.