उत्तर प्रदेश

Lucknow: नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त करने वाला गिरोह का भंडाफोड़

Admindelhi1
26 Feb 2025 4:46 AM GMT
Lucknow: नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
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"सरगना समेत छह लोग पकड़े गए"

लखनऊ: मड़ियांव पुलिस और डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम ने कल (मंगलवार) नवजात शिशुओं की खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। गिरोह का नेटवर्क लखनऊ, सीतापुर और आसपास के कई जिलों के निजी अस्पतालों तक फैला हुआ था। गिरोह के सदस्य बिन ब्याही माताओं या मजबूर दंपतियों से नवजात लेकर जरूरतमंदों को बेचते थे।

गिरोह ने बेटे की कीमत पांच लाख और बेटी की तीन लाख रुपये तय कर रखी थी। पुलिस ने विकासनगर निवासी एक दंपति के पास से एक बच्ची को बरामद किया, जिसे गिरोह ने दो महीने पहले बेचा था। इस मामले में गोंडा निवासी सरगना, एक निजी अस्पताल के डॉक्टर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरोह का सरगना गोंडा निवासी विनोद सिंह

इंस्पेक्टर मड़ियांव शिवानंद मिश्रा के अनुसार, गिरोह का सरगना विनोद सिंह, गोंडा के करनैलगंज स्थित रामगढ़ के गौरा पुरवा का निवासी है। वह बीके सिंह के नाम से एक कंसल्टेंसी संचालित करता था, जिसके माध्यम से अस्पतालों में मैनपावर और आया सप्लाई का काम करता था। इसी नेटवर्क के जरिए उसने लखनऊ समेत दर्जनों निजी अस्पतालों तक अपनी पकड़ बना ली थी।

गिरोह में शामिल अस्पताल स्टाफ दो तरह के लोगों की तलाश करता था-

1. वे जो किसी कारणवश बच्चा नहीं रखना चाहते थे।

2. वे जो किसी भी कीमत पर बच्चा अपनाना चाहते थे।

गर्भवती महिलाओं को ढूंढने का काम गिरोह की महिला सदस्य करती थीं। ऐसी महिलाएं जो बच्चा नहीं पाल सकती थीं, उन्हें प्रसव तक का पूरा खर्च गिरोह वहन करता था, फिर नवजात का सौदा कर लिया जाता था।

बच्चे देने से पहले करते थे पूरी छानबीन

पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य नवजात बेचने से पहले खरीदार की पूरी जांच-पड़ताल करते थे, ताकि कोई पुलिस का मुखबिर न निकले। जब उन्हें पूरा यकीन हो जाता था कि खरीदार वास्तव में बच्चा गोद लेना चाहता है, तभी सौदा पक्का किया जाता था।

महिला सदस्य पहले खरीदार से बातचीत करती थी, इस दौरान गिरोह के अन्य सदस्य सुरक्षा के लिहाज से उनके पीछे अपनी कार लेकर चलते थे। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह में करीब एक दर्जन से अधिक लोग सक्रिय हैं, जिनका कनेक्शन कई निजी अस्पतालों से है। उनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

सोशल मीडिया से गिरोह तक पहुंची पुलिस

एसीपी अलीगंज ब्रज नारायण सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें संतोषी और नीरज गौतम नवजात तस्करी की बातचीत कर रहे थे। वीडियो के आधार पर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया।

पूछताछ में पता चला कि सीतापुर के हरगांव स्थित एक निजी अस्पताल में दो महीने पहले एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। महिला मजबूरी में बच्चे को नहीं रखना चाहती थी। गिरोह की सदस्य कुसुम ने विकासनगर निवासी एक दंपति को तलाश कर बच्ची का सौदा कराया, जो शादी के नौ साल बाद भी संतान सुख से वंचित थे।

तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ, जिसके बाद नीरज बच्ची को सीतापुर से लखनऊ लाया और दंपति को सौंप दिया। पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी भी पुलिस को मिली है, जिनकी तलाश जारी है।

गिरफ्तार किए गए आरोपी

एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे के अनुसार, पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है—

1. विनोद सिंह – गिरोह का सरगना, गोंडा का निवासी

2. डॉ. अल्ताफ – भिठौली स्थित सुपर एलायंस नर्सिंग होम का डॉक्टर

3. नीरज गौतम – सीतापुर के हरगांव का निवासी

4. कुसुम देवी – विकासनगर, न्यू आनंद नगर कुर्सी रोड स्थित अस्पताल सहायिका

5. संतोष कुमारी – अटरिया छावनी गलैहरा स्थित अस्पताल सहायिका

6. श्रीमती शर्मा – महिंगवा सरावा की निवासी

पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। अगर इस गिरोह द्वारा अन्य नवजातों की तस्करी की बात सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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