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लखनऊ: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इसका खुलासा विभागीय जांच में हुआ। 1 से 22 मई के बीच 39 अस्पतालों को फर्जी तरीके से 9,94,13,386 रुपये का भुगतान किया गया। यह भुगतान 6239 दावों के संबंध में किया गया है। जांच में सामने आया कि यह सारे भुगतान इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी और कम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के अधिकारियों के लॉगिन से किया गया है। हकीकत सामने आने पर संबंधित योजनाओं के स्टेट नोडल अधिकारी डा. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक इन योजनाओं के लाभार्थियों के उपचार के दावे प्रस्तुत करने के बाद भुगतान किए जाने की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा विकसित एवं प्रबंधित पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन व्यवस्था है। जो दावे पोर्टल पर आते हैं, उनकी शुरुआती स्तर पर स्टेट एजेंसी साचीज द्वारा निविदा के माध्यम से चयनित इम्प्लीमेन्टेशन सपोर्ट एजेन्सी (आईएसए) द्वारा ऑन लाइन संस्तुति पोर्टल पर ही साचीज को भेजा जाता है। इसकी जांच मेडिकल ऑडिटर लॉगिन पर करने के बाद लेखाधिकारी व प्रबंधक वित्त को भेजे जाने की व्यवस्था है। लेखाधिकारी व प्रबंधक वित्त की संस्तुति के बाद साचीज के सीईओ द्वारा अनुमोदन कर संबंधित बैंक के जरिए अस्पताल को ऑनलाइन भुगतान के लिए भेजा जाता है।
आधी रात को 6239 मामलों में किया भुगतान: दावों की ऑन लाइन प्रोसेसिंग कई स्तरों पर जांची गई तो पता चला कि इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी, लेखाधिकारी, प्रबंधक वित्त साचीज और मुख्य कार्यपालक अधिकारी साचीज की लॉगिन से आधी रात को भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई। नोडल अधिकारी के मुताबिक 1 से 22 मई के बीच 39 अस्पतालों को 9.94 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। इन अस्पतालों ने 6239 दावे भुगतान के लिए प्रस्तुत किए थे। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह के मुताबिक स्टेट नोडल अधिकारी की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। साइबर क्राइम सेल की टीम के साथ मिलकर मामले की जांच की जा रही है।
