उत्तर प्रदेश

Lucknow: नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद यूपी के कई शहरों में बाढ़ का खतरा

Admindelhi1
13 July 2024 3:24 AM GMT
Lucknow: नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद यूपी के कई शहरों में बाढ़ का खतरा
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शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में घुसा बाढ़ का पानी

लखनऊ: भारी बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद यूपी के कई शहरों में अब बाढ़ का असर विकराल रूप लेता जा रहा है। बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के करीब 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, लखीमपुर खीरी के 150, शाहजहांपुर के 30, बदायूं के 70, बरेली के 70 और पीलीभीत के करीब 222 गांव की बड़ी आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। पूर्वांचल के बलिया में भी बाढ़ की स्थिति के चलते कुछ घर बहने की खबर है। यूपी के करीब 800 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

शाहजहांपुर शहर में पानी घुसने के बाद यहां बाढ़ ने और विकराल रूप ले लिया है। यहां दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गर्रा नदी की बाढ़ का पानी ढाई-तीन फीट तक बह रहा है। इसकी वजह से यहां कार-बाइक व अन्य छोटे वाहनों का संचालन बंद रखा गया। मुरादाबाद-लखनऊ के बीच नए 22 कॉशन तय करके ट्रेनों को भी धीमी गति से गुजारा जा रहा है।

शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में बाढ़ का पानी भरने के बाद मरीजों को आसपास के जिन अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था, उनमें भी पानी भरने के बाद समस्या विकराल हो गई। शहर के बाहरी हिस्से में बसी आवास विकास कॉलोनी समेत अन्य निचले इलाकों से करीब 10 हजार लोगों ने पलायन किया है। एनडीआरएफ की टीम ने 225 लोगों को बचाया। बाढ़ से एसएस कॉलेज के पुस्तकालय में रखीं सैकड़ों साल पुरानी पांडुलिपियां नष्ट हो गई हैं। खीरी, शाहजहांपुर और बरेली में बाढ़ ने पांच और लोगों की जान ले ली।

अब भी मुश्किल में अवध: अवध के आठ जिलों में बाढ़ से मची तबाही के बाद स्थिति अब धीरे-धीरे सुधरनी शुरू हुई है। उफनाई नदियां धीरे-धीरे शांत हो रही हैं। जल स्तर कम हो रहा है। अब असल समस्या कटान की है। अंबेडकरनगर और बहराइच में सरयू का जलस्तर घटा है। जल स्तर कम होने से गांवों से पानी तो निकल गया, लेकिन धान की फसल नष्ट हो गई है। नेपाल के कुसुम बैराज से 47,682 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जमुनहा बैराज पर नदी का जलस्तर 127.35 से बढ़ कर 127.90 मीटर पहुंच गया जो खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर अधिक है। अयोध्या में सरयू का जल स्तर 22 सेमी घटा है। इसके बाद भी नदी लाल निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही है। सीतापुर में नदी की कटान में 34 घर बह चुके हैं।

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