उत्तर प्रदेश

LUCKNOW : इजोति में आया बाढ़ लोग है परेशां

Ritisha Jaiswal
14 July 2024 7:30 AM GMT
LUCKNOW : इजोति में आया बाढ़ लोग है परेशां
x
LUCKNOW : इटौंजा क्षेत्र के गांवों में गोमती नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों को मवेशियों के लिए चार से पांच फिट गहरे पानी में जाकर चारा लाना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों और बाहर काम करने वाले लोगों को भी पानी से होकर आवागमन करना पड़ रहा है।
लासा गांव निवासी देवी ने बताया कि उनका गांव गोमती नदी GOMTI RIVER से महज दो सौ मीटर की दूरी पर बसा है। सबसे पहले गोमती का पानी गांव को चारों तरफ से घेर लेता है। पूरा गांव एक टापू बन जाता है। शौचालय से लेकर रास्ते तक सब जगह पानी है। लासा गांव में पंद्रह ग्रामीणों के घरों और मवेशियों के भूसाघरों में पानी भरा है। आधा दर्जन से अधिक बाढ ग्रस्त गांवों में ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है। दूध का उत्पादन के लिए ग्रामीण भैसों को पालते हैं। पालतू मवेशियों को बांधने की जगह भी नहीं बची है। बाढ़ प्रभावित गांव सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा, इकड़रिया खुर्द, इकड़रिया कला, हरदा, दुघरा, जमखनवा में महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। गांव में अभी तक कोई स्वास्थ HEALTH की टीम TEAM भी नहीं भेजी गई है।
कहीं उफना रहा पानी, कहीं नलकूप खराब
बीकेटी क्षेत्र में कहीं गोमती उफना रहा है तो कई इलाके ऐसे हैं जहां किसान अपनी फसल बचाने के लिए सरकारी नलकूप सही करवाने के लिए चक्कर काट रहा है। किसानों का कहना है कि बिजली लाइन LINE सही करवाने के लिए कई की फरियाद की गई है ताकि नलकूप चल सके। सिंहामऊ राजकीय नलकूप संख्या 88 पिछले काफी दिनों से खराब है, जिससे लगभग तीन सौ एकड़ धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। यहां के किसान ब्रजेश सिंह, रमेश कुमार रावत, सुंदर लाल, मोहन गुप्ता व अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। महोना में राजकीय नलकूप संख्या 157 भी पिछले 6 माह से से बंद पड़ा है। नगर पंचायत महोना के गोविंदपुरी हार में स्थित राजकीय नलकूप संख्या 157 बिजली का खंभा टूटने के कारण बंद है। किसानों का कहना है उनके फसलें बर्बाद हो गई हैं। अब उन्हें धान की बुवाई की चिंता सता रही है।
नुकसान का आकलन करने नहीं पहुंची टीम TEAM, नाराजगी
गोमती नदी का बढ़ा जलस्तर कम होने लगा है। पानी कम होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। यह क्रम जारी रहा तो तीन माह में किसान रबी फसल की बुवाई आसानी से कर सकेंगे। दो दिन से ग्रामीण राजस्व टीम का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन शनिवार को वहां कोई नहीं पहुंचा। किसानों का कहना है कि अगर नुकसान का आकलन हो जाएगा तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी। उधर, सपा के पूर्व विधायक गोमती यादव ने प्रभावित गांवों में जाकर किसानों FARMERS से मुलाकात की।
एसडीएम बीकेटी सतीश चंद्र त्रिपाठी ने तीन दिन पहले निर्देशित किया था कि जलस्तर कम होने की शुरुआत के साथ ही राजस्व टीम सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा, इकड़रिया खुर्द, इकड़रिया कला, हरदा, दुघरा और जमखनवा में गोमती के पानी में डूबी सब्जियों और धान की नर्सरी का आंकलन करेगी। इन गांवों के किसान शनिवार को दोपहर तक इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि पानी कम हो रहा है। रविवार तक आवागमन बहाल हो सकेगा। गांव के बाहर मवेशियों के लिए झोपड़ी और भूसा घरों में पानी भरने से नुकसान हो गया है। उधर, पूर्व विधायक गोमती यादव ने जिला उपाध्यक्ष सुनील भदौरिया व पूर्व प्रधान राजकिशोर लोधी समेत अन्य के साथ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होने यहां ग्रामीणों से उनकी फसल नुकसान को लेकर बातचीत की।
माधोपुर में जमीन पैमाइश करने पहुंची राजस्व टीम TEAM
इटौंजा क्षेत्र में किसानों के हितों की आवाज उठाने वाले दीपक शुक्ला DEEPAK SHUKLA तिरंगा महाराज ने बताया कि किसानों FARMERS की डूबी फसल के नुकसान का आंकलन करने की बजाय राजस्व टीम माधोपुर में प्रापर्टी डीलरों की जमीन पैमाइश करने पहुंची थी। जब राजस्व टीम से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानों से संपर्क किया जा रहा है। आरोप है कि इटौंजा क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद नुकसान की जानकारी गांवों में जाकर लेने के बजाय ग्राम प्रधानों से फोन पर किसानों के आधार और खतौनी मांग रहे हैं। किसानों ने कैम्प लगाकर फसल नुकसान का आंकलन करने की मांग की।
पानी उतरने पर ही सम्पूर्ण आकलन हो सकेगा
एसडीएम SDM बीकेटी सतीश चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि पानी कुछ कम हुआ है। अभी डूबी फसलों का कुछ हिस्सा ही स्पष्ट हो पा रहा है। जलस्तर थोड़ा और कम होगा तो नुकसान EFFECT की तस्वीर पूरी साफ हो पाएगी। अभी तुरन्त आंकलन करवाने से सभी किसानों के नुकसान का आंकलन सही ढंग से नहीं हो पाएगा।
Next Story