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Lucknow: चार जिलों के 16 कारोबारियों से फर्जी आईटीसी की वसूली होगी
लखनऊ: चार जिलों के 16 कारोबारियों से फर्जी आईटीसी की वसूली होगी.जीएसटी की चोरी में केन्द्रीय खुफिया एजेंसी की जांच पड़ताल में इन कारोबारियों के नाम सामने आए हैं. को गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने फर्जी कंपनी बनाकर आईटीसी में खेल करने वाले एक बड़े कारोबारी को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था.उसे लखनऊ लाकर पूछताछ की गई तो डेढ़ दर्जन और कारोबारियों के नाम सामने आए.इन सभी को अब नोटिस भेजा जा रहा है.
डीजीजीआई इनसे वसूली करेगी. इनमें लखनऊ और गोरखपुर के अलावा बरेली, रायबरेली के कारोबारी शामिल हैं.लखनऊ के दो ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है. खुफिया एजेंसी ने गोरखपुर से विश्वकर्मा इंटरप्राइजेस के प्रमुख कृष्ण मोहन विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है.उसने अपनी फर्म में सीमेंट, लकड़ी और टीएमटी बार का कार्य दर्शाया था.जांच में पता चला कि कोई खरीद नहीं थी.कारोबारियों को खाली इनवायस दे रहा था.साथ ही लखनऊ के दो ठेकेदार साईं कंस्ट्रक्शन और पहलवान कंस्ट्रक्शन समेत कई सरकारी योजनाओं के लिए कार्य कर रहे ठेकेदारों के नाम सामने आए.इन दोनों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.दोनों ही ठेकेदार सरकारी निर्माण योजनाओं का ठेका लेते हैं.
क्या है इनपुट क्रेडिट टैक्स का खेल: माल या किसी प्रकार की सेवाओं की खरीद को इनपुट कहा गया है.आउटपुट का आशय माल या सेवा की बिक्री से है.किसी खरीद पर चुकाए गए जीएसटी को जब बाहरी आउटपुट की देयता से घटाते हैं तो मिलने वाला शेष आईटीसी यानी इनपुट क्रेडिट टैक्स होता है.यानी पहले की खरीद के समय जो जीएसटी चुकाया गया है उस सीमा तक का दावा करके अपनी कर देयता को कम किया जा सकता है.
गिरफ्तार कारोबारी बोगस कंपनियों के जरिए इनपुट क्रेडिट टैक्स में हेराफेरी कर रहा था.कंपनी से जारी की गई फर्जी इनवाइस से अन्य कारोबारियों ने व्यापार दिखाते हुए इनपुट क्रेडिट टैक्स का क्लेम किया था.डीजीजीआई के सूत्रों के अनुसार अब तक 20 करोड़ की टैक्स हेरफेर सामने आ चुकी है. लखनऊ, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों के कारोबारियों की संलिप्तता होने की उम्मीद है.