उत्तर प्रदेश

Lucknow: साइबर ठगों ने दिल्ली के कारोबारी से ठगे 80 लाख

Admindelhi1
14 Jun 2024 8:23 AM GMT
Lucknow: साइबर ठगों ने दिल्ली के कारोबारी से ठगे 80 लाख
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घटना को अंजाम देने वाले कानपुर के निकले

लखनऊ: साइबर ठगों ने Delhi Businessmen से शेयर में निवेश और ज्यादा मुनाफे का झांसा देकर 80 लाख रुपये हड़प लिए. घटना को अंजाम देने वाले कानपुर के निकले. एफआईआर दर्ज करने के बाद साइबर थाना पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया. वेबसाइट पर आरोपितों के वॉलेट से पुलिस ने लाखों के डॉलर बरामद किए हैं. आरोपितों से पूछताछ की जा रही है. Police उन्हें को जेल में दाखिल करेगी.

चौहान बांगर न्यू सलीमपुर Mohammad Irshad, resident of North East Delhi की इलेक्ट्रानिक्स की दुकान है. इरशाद ने बताया कि जनवरी 2023 को वह विपिन नाम के व्यक्ति के सम्पर्क में आए थे. जिसने उन्हें वेंट्रो.कॉम नाम की वेबसाइट से जोड़ दिया. उन्हें निवेश करने के लिए प्रेरित किया, साथ ही 3-4 प्रतिशत रिटर्न का झांसा दिया. विपिन के कहे अनुसार उन्होंने निवेश करना शुरू किया. इसके बाद विपिन के अन्य साथी दिशी जोशी और सुखदेव ने भी फोन कर निवेश कराया. इसके बाद इनका चौथा साथी कर्नाटक निवासी रमन भी सम्पर्क में आ गया. इरशाद के मुताबिक चारों के कहने पर उसने खुद और अपने रिश्तेदारों से पैसे लेकर अलग-अलग खातों में 80 लाख रुपये का निवेश कर दिया. इरशाद के मुताबिक उन्होंने मार्च 2024 में आरोपितों से निवेश के पैसे वापस मांगे तो वह टालमटोल करने लगे. वह को आरोपितों से मिलने के लिए Kanpur आया तो उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी व गाली गलौज कर उसे भगा दिया.

ये हुए गिरफ्तार

भवानीपुर मंधना कृष्णा ग्रींस निवासी राजेश कुमार सिंह, विजय नगर निवासी चन्द्रभान सिंह, अम्बेडकरपुरम कल्याणपुर निवासी विपिन सिंह व लक्ष्मीनारायण, शिवकटरा लालबंगला निवासी दृष्टि शर्मा, विजय नगर निवासी बरखा रानी और कमला नगर नजीराबाद निवासी प्रतीक्षा पटेल को गिरफ्तार किया गया. इनमें से पुलिस ने आरोपित चन्द्रभान के वेबसाइट वॉलेट से 6000 यूएसडीटी डॉलर (लगभग लाख रुपये), राजेश के वॉलेट से 25000 यूएसडीटी (लगभग 20 लाख रुपये) और विपिन के वॉलेट से 200 यूएसडीटी डॉलर (लगभग 16 हजार रुपये) बरामद किए हैं.

कैसे करते थे ठगी

आरोपित राजेश और चन्द्रभान वैसे तो प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं और विपिन व लक्ष्मीनारायण इनके ब्रोकर हैं. युवतियां टेलीकॉलर का काम करती हैं. क्राइम ब्रांच अफसरों के मुताबिक राजेश, विपिन और चन्द्रभान ने लखनऊ के सॉफ्टवेयर डेवलपर से अपनी वेबसाइट वेंट्रो.कॉम बनवाई थी. उसी में आईडी देकर यह ठगी को अंजाम दे रहे थे. एफआईआर के मुताबिक गिरोह 250 लोगों के साथ ठगी कर चुका है. बाइनेंस के वॉलेट में ज्यादातर धनराशि को क्रिप्टो करंसी में तब्दील करके रख लेते थे.

आवास विकास से चला रहे थे ठगी का दफ्तर

साइबर क्राइम टीम प्रभारी सुनील कुमार वर्मा और एसआई पुनीत तोमर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. इनके साथ स्वॉट टीम के प्रभारी जनार्दन सिंह और उनकी टीम व सर्विलांस प्रभारी अंजनी पाण्डेय को लगाया गया. मोबाइल नम्बर, खातों की संख्या के जरिए टीमें आवास विकास 3 केशव वाटिका वाली रोड पर पहुंचीं और फ्लैट से उन्होंने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया.

यह बरामद हुआ

4 लैपटॉप, 1 आईपैड, 12 मोबाइल, 4 सोने की चेन, 7 सोने की अंगूठी, 2 चांदी की अंगूठी, 40 हजार रुपये, 26 डेबिट व क्रेडिट कार्ड और 3 पहिया वाहन.

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