उत्तर प्रदेश

Lucknow: बिना तकनीकी परीक्षण बसों का हुआ पंजीयन

Admindelhi1
29 July 2024 7:21 AM GMT
Lucknow: बिना तकनीकी परीक्षण बसों का हुआ पंजीयन
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इनमें से दुर्घटनाग्रस्त बस समेत 68 बसों में मानकों की अनदेखी की गई

लखनऊ: हादसे में दुर्घटनाग्रस्त बस महोबा में रजिस्टर्ड थी. अकेले यही बस नहीं बल्कि 75 बसों का पंजीयन 2019 में हुआ. इनमें से दुर्घटनाग्रस्त बस समेत 68 बसों में मानकों की अनदेखी की गई. पंजीयन के समय तकनीकी परीक्षण तक नहीं कराया गया. मतलब नई बसें महोबा नहीं गईं. कागजों के आधार पर पंजीयन कर दिया गया. इसका खुलासा उप परिवहन आयुक्तों की जांच में हुआ. पंजीयन फाइल में तकनीकी परीक्षण फॉर्म (एसआर-) नहीं लगा था. ये बसें विभिन्न रूटों पर बिना फिटनेस, बीमा और परमिट के दौड़ रही हैं.

महोबा में मानकों की अनदेखी कर बसों के पंजीयन मामले में कानपुर समेत तीन परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्तों ने जांच की. पहले जांच मेरठ परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त राजीव श्रीवास्तव को मिली. अफसरों ने बताया कि मानकों के विपरीत पंजीयन करने वाले महोबा के तत्कालीन एआरटीओ महेंद्र प्रताप सिंह ने जांचाधिकारी को बदलवा दिया. इसके बाद जांच उप परिवहन आयुक्त बरेली को मिली. इसमें दोष साबित हुआ पर रिपोर्ट स्पष्ट नहीं दी गई. कानपुर परिक्षेत्र के उप परिवहन आयुक्त धीरेंद्र त्रिपाठी ने जांच की. पाया कि पंजीयन के समय एआईएस-9 की अनदेखी की गई.

हर एक बंद किए है अपनी जुबान आरोपी एआरटीओ के खिलाफ एक साल की वेतन बढ़ोतरी रोकी गई. मामला 2021 से 2023 तक पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना. मौजूदा समय में हर कोई जुबान बंद किए है.

महोबा में पांच और स्लीपर बसों के परमिट निरस्त: एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे के बाद शुरू हुई बसों की जांच में फर्जीवाड़े की परतें खुल रही हैं. महोबा में सहायक संभागीय परिवहन विभाग में अस्थाई पते पर दर्ज पांच और बसों के परमिट निरस्त कर दिए गए. अब तक 35 ऐसी बसों के परमिट रद्द किए जा चुके हैं. एआरटीओ दयाशंकर ने बताया कि उन्नाव में हादसे का शिकार बस महोबा में पंजीकृत थी, जिसकी जांच कराई जा रही है. जिले में 59 स्लीपर बसों की जांच की जा रही है औऱ बिना फिटनेस और बीमा के संचालित बसों के परमिट निरस्त किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक ही व्यक्ति के नाम दर्ज कई बसों की जांच की जा रही है.

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