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Lucknow: एलयू प्रोफेसर नियुक्ति में भारी अनियमितता का आरोप
लखनऊ: एलयू के प्रोफेसर बिमल जायसवाल पर आरोप हैं कि वर्ष 2005 में उन्हें ओबीसी श्रेणी नान क्रीमीलेयर में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया, तब वह क्रीमीलेयर में आते थे. उन्होंने पद पर रहते हुए परीक्षा केंद्र निर्धारण, शिक्षकों की नियुक्ति में भारी अनियमितताएं कीं. यही नहीं अंकों में हेरफेर किया गया. इस संबंध में अधिवक्ता रोहित कांत द्वारा शिकायत की गई थी.
पिता थे उच्चतर सेवा आयोग के अध्यक्ष: विधायक अभय सिंह ने नियम-51 के तहत विधानसभा सत्र के दौरान मुद्दा उठाया था कि प्रो. बिमल सियाराम जायसवाल की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई है. ऐसा तब हुआ जबकि उनके पिता सियाराम जायसवाल खुद ही इस विभाग में प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष थे. उनके पिता बाद में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष भी रहे. अभय सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्हें बिना उचित सत्यापन के नियुक्ति दी गई.
शिकायत करने वाले अधिवक्ता रोहित कांत ने कहा कि दूसरी ओर लोकायुक्त से की गई शिकायत में भी इन्हीं बिंदुओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. रोहित ने कहा कि नियुक्ति के वक्त ही प्रो. बिमल जायसवाल के नाम लाखों की संपत्तियां थीं.
आधिकारिक रूप से मेरे पास किसी फोरम से कोई पत्र या जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. पत्र आने पर जवाब भेजा जाएगा. -प्रो. बिमल जायसवाल,
अप्लाइड इकोनॉमिक्स, एलयू