उत्तर प्रदेश

Lucknow: निर्माण ध्वस्त होने के बाद कुकरैल नदी का किनारा दशकों बाद नजर आया

Admindelhi1
28 Jun 2024 5:28 AM GMT
Lucknow: निर्माण ध्वस्त होने के बाद कुकरैल नदी का किनारा दशकों बाद नजर आया
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अकबरनगर में आधे से ज्यादा अवैध कब्जे साफ

लखनऊ: अकबरनगर में 256 अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए. इस बीच रह रह कर बुलडोजर की गरज सुनाई दे रही थी. कभी किसी मकान या दुकान का बड़ा हिस्सा जमींदोज होता तो धरती हिल जाती. निर्माण ध्वस्त होने के बाद कुकरैल नदी का किनारा दशकों बाद नजर आया.

सुबह से एलडीए की कार्रवाई शुरू हो गई. बुलडोजर-पोकलैंड मशीनों के ऑपरेटर अपने मिशन में जुट गए. काफी तेजी से काम हुआ. इसकी एक बड़ी वजह रही कि लगभग सभी अवैध मकान-दुकान खाली हो चुके हैं. कुछ लोग जिन्हें आवास आवंटन हुआ है, वे सड़क किनारे बैठकर लोडर का इंतजार कर रहे थे. कुछ लोग एलडीए शिविर के बाहर आवेदन पत्र भर रहे थे. कार्रवाई के दौरान सुबह से शाम तक कोई विरोध नहीं हुआ. एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. जगह-जगह बैरीकेड लगाकर फोर्स तैनात की गई थी, सिर्फ सरकारी वाहनों और आवंटित आवासों वाले लोगों को सामान ले जाने के लिए लोडर इस सड़क पर जाने दिए गए.

एलडीए के अनुसार अकबरनगर प्रथम में शाम तक 256 अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए. अकबरनगर द्वितीय में अब तक 870 अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा चुके हैं. एलडीए ने यहां बड़ी पोकलैंड मशीन, 12 जेसीबी लगाई हैं. पानी टैंकर भी रखे गए हैं.

कुकरैल नदी की नई पैमाइश होगी

कुकरैल नदी की पैमाइश अब नए सिरे से होगी. कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार से 1952 के रिकॉर्ड निकाले गए हैं. अस्ती, राजापुर समेत आसपास के गांवों में उस वक्त नदी किन गाटों से निकल रही थी, इसका ब्योरा मिल गया है. अब रिमोट सेंसिंग को यह नक्शा सौंपा गया है, ताकि मौजूदा स्थिति से मिलाकर देखा जाए कि नदी के उद्गम स्थल पर कहां-कहां अवैध कब्जे हैं.

कुकरैल बीकेटी के अस्ती गांव से निकलती है. यहां से खुर्रम नगर तक की पैमाइश होगी. नदी की सम्पत्ति का चिह्नांकन होगा.

कुकरैल नदी

कुकरैल की जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई के बाद अब नदी के किनारा नजर आने लगा

साहब, 13 लोगों का परिवार, मिले तीन आवास

कार्रवाई के बीच सड़क किनारे दो फोल्डिंग चारपाई डालकर महिलाएं और बच्चे बैठे मिले. अपील अहमद, मो. इकबाल ने बताया कि वे पांच भाई हैं. कुल 13 लोग परिवार में हैं. तीन पीएम आवास मिले हैं, लेकिन पांच लोग रह गए हैं. अब ऐसे में कहां जाएं यह सूझ नहीं रहा है.

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