उत्तर प्रदेश

Lucknow : बाघ ने दो नील गाय के बाद सांड का किया शिकार

Tara Tandi
23 Dec 2024 6:59 AM GMT
Lucknow : बाघ ने दो नील गाय के बाद  सांड का किया शिकार
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Lucknow लखनऊ : रहमान खेड़ा के बाघ ने अब मीठे नगर गांव के एक सांड पर हमला कर उसका शिकार किया है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी अब इस बात की जानकारी भी नहीं दे रहे हैं कि बाघ की लोकेशन किस इलाके में मिल रही है। उसके नये पग चिह्न कहां मिले, यह जानकारी भी अब नहीं दी जा रही है। इससे गांव वालों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बाघ के लिए दिन भर रहमान खेड़ा के विभिन्न गांवों में कांबिंग की गई। लेकिन आज टीम को बाघ के पग चिह्न तक नहीं मिले हैं। फिलहाल वन विभाग मचान के भरोसे बाघ पकड़ने की
तैयारी में ही जुटा हुआ है।
गांव के लोगों ने मीठे नगर गांव के पास एक सांड के घायल होने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। सांड की पीठ पर काफी बड़े हिस्से में जख्म नजर आया। साथ ही उसके पिछले हिस्से में भी खरोंचे दिखाई दे रही थी। सांड को देखने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह बाघ के शिकार का अंदाज नहीं है। बाघ को अब तक पकड़ने में नाकाम रहीं वन विभाग टीम अब मचान के भरोसे ही बाघ को ट्रैकुलाइज करने की योजना बना रही है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने रविवार को भी रहमान खेड़ा का भ्रमण किया और विभागीय अधिकारियों की व्यवस्था भी देखी जो बाघ पकड़ने के लिये की गई है। उन्होंने बाघ को पकड़ने के लिये किये जा रहे उपायों पर चर्चा की। डब्लूटीआई के सदस्यों से भी बाघ से जुड़ी जानकारी ली। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गांवों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। डीएफओ सितांशु पाण्डेय के अनुसार रविवार को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह, लखनऊ प्राणि उद्यान के डॉ. बृजेन्द्र मणि यादव और कानपुर प्राणि उद्यान के डॉ.नासिर ने बाघ को रेस्कयू करने की रणनीति तैयार की। उन्होंने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए दो पिंजड़े, 12 कैमरे, एक ड्रोन के साथ तीन टीमें लगी हुई हैं।
गांव वालों ने बताया कि वन विभाग की टीम अब लापरवाही कर रही है। पहले जब बाघ दिखने या उसकी दहाड़ की सूचना देने पर टीम फौरन पहुंच जाती थी, अब ऐसा नहीं है। टालमटोल की जा रही है। पहले बाघ के पग चिह्न कहां मिले हैं, इसकी जानकारी मिल जाती थी तो गांव के लोग उधर का रुख नहीं करते थे। लेकिन अब सूचना नहीं मिलने से खतरा बढ़ गया है।
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