उत्तर प्रदेश

भगवान श्रीकृष्ण ने की थी गर्भ में परीक्षित की रक्षा : Acharya Pandit Vinay

Gulabi Jagat
13 Sep 2024 11:14 AM GMT
भगवान श्रीकृष्ण ने की थी गर्भ में परीक्षित की रक्षा : Acharya Pandit Vinay
x
Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के टोला सपही बरवा में हनुमान भजन मंडल के तत्वावधान में आयोजित सप्त दिवसीय आठवें राधा अष्टमी समारोह के द्वितीय दिन गुरुवार की सायं कथावाचक आचार्य पं. विनय पांडेय ने राजा परीक्षित की जन्म की कथा सुनाई।
कथावाचक ने कहा कि महाभारत युद्ध के बाद के बाद अश्वथामा ने उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र का प्रहार कर दिया। पति अभिमन्यु की मृत्यु हो चुकी थी और गर्भ में उनकी संतान पल रही थी। गर्भ में जब बालक परीक्षित ब्रह्मास्त्र के तेज से दग्ध होने लगा तो भगवान श्रीकृष्ण ने सूक्ष्म रूप से उत्तरा के गर्भ में प्रवेश कर गर्भस्थ शिशु की रक्षा की। दस मास पश्चात बालक का जन्म हुआ। गर्भ से निकलते ही बालक मृतवत हो गया। भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि शिशु की मौत हो ही नहीं सकती क्योंकि इसके जीवनदान का प्रण लिया है और जब मैंने गर्भ में इसकी रक्षा की तो अब इसे कैसे मरने दूंगा। श्री कृष्ण के हाथ का स्पर्श पाते ही वह शिशु रूदन करते हुए हाथ पैर चलाने लगा। जो भक्त कृष्ण के भरोसे होते हैं, कृष्ण को उनका भरोसा रखना पड़ता है। कथावाचक ने विदुर मैत्रेय संवाद के माध्यम से ज्ञान और मोक्ष के बारे में विस्तार से बताया। संगीतमयी कथा में पं. पंकज त्रिपाठी ने आर्गन संतोष श्रीवास्तव ने तबला व छोटेलाल शर्मा पैड पर संगत की। पं. दीपक शास्त्री व पं. संजय चौबे ने परायण पाठ किया। इस दौरान हरिप्रसाद गुप्ता, आकाश पांडेय, पं रामध्यान पांडेय, नगीना कुशवाहा, रघुनाथ कुशवाहा, अखिलेश, रमेश श्रीवास्तव, टूडू राय, गोविन्द, राघव, ध्रुप गुप्ता, प्रहलाद गुप्ता, रिंकी, उमा, रंभा, शांति, शुभी, वेदिका, श्वेता, अजीत, शिवम्, सत्यम, हिमांशु, सुहानी, सिंहासन गुप्ता, विद्या, जगत गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद, राजीनंद आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।
Next Story