उत्तर प्रदेश

निजी भूमि के नाम पर धड़ल्ले से हो रही लाल सोने की लूट

Admin4
28 Oct 2022 6:25 PM GMT
निजी भूमि के नाम पर धड़ल्ले से हो रही लाल सोने की लूट
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बांदा। निजी भूमि के नाम पर नरैनी क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन का खेल चल रहा है। बीते कई महीनों से इलाके के लहुरेटा गांव में नदी किनारे स्थित बालू भरे खेतों में निजी भूमि का पट्टा कराकर बालू निकाली जा रही है और खदानों के संचालन के नाम पर सत्ताधारी दल के रसूखदार नेता अपने गुर्गों की मदद से खेत से लेकर नदी तक बालू की चोरी में जुटे हुए हैं। अवैध खनन के जरिए जहां बालू माफिया राजस्व को लाखों की चपत लगा रहे हैं, वहीं किसानों के खेत को कृषि योग्य बनाने के नाम पर बर्बाद करने का काम कर रहे हैं।

सत्ता की हनक की दम पर जिले में लाल सोने का कारोबार एक बार फिर से फलने फूलने लगा है। हालांकि अभी तक वर्षा काल के दौरान बंद हुई बालू खदानों में खनन का काम शुरू नहीं हो सका है। कहीं रास्ते तैयार हो रहे हैं तो कहीं कागजी खानापूरी की जा रही है। लेकिन जिले में निजी भूमि के नाम करीब दर्जनभर बालू के पट्टे चल रहे हैं।
नियमों की बात करें तो नदी किनारे स्थित खेतों से बालू हटाने और उन्हें फिर से कृषि योग्य बनाने के लिए किसान के नाम खनन का पट्टा दिया जाता है। लेकिन हकीकत में निजी भूमि खनन पट्टों में भी बालू माफिया ही सक्रिय हो जाते हैं और सत्ताधारियों को अपने साथ मिलाकर बालू का अंधाधुंध खनन करते हैं और सरकारी राजस्व के साथ ही पर्यावरण को भी हानि पहुंचाते हैं।
बता दें नरैनी क्षेत्र के लहुरेटा गांव में निजी भूमि के चार खंड अजय कुमार, सुमनेश कुमार, खालिक के नाम संचालित है। मौके पर बालू माफिया ने खेतों में करीब 20 से 30 फुट तक खुदाई करके बालू निकाल ली और खेतों को तालाब में तब्दील कर दिया है। बालू माफिया ने अपने रसूख की दम पर इतना बेरहमी से बालू निकाली है कि खेतों में पानी तक निकल आया है।
उधर खनिज अधिकारी अर्जुन कुमार बताते हैं कि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश खनिज परिहार अधिनियम के तहत नदी के किनारे स्थित किसानों के खेतों में बाढ़ से बहकर एकत्र होने वाली बालू को हटाने के लिए किसानों को अनुज्ञापत्र जारी किए जाते हैं। बताया कि खेत की ऊपरी सतह साफ करने के बाद अधिकतम तीन मीटर खुदाई करने का मानक निर्धारित है। उन्होंने लहुरेटा में निजी भूमि से 30 फुट खुदाई व खेत में पानी निकल आने की बात से अनभिज्ञता जाहिर की। कहा है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
अवैध खनन में प्रतिबंधित हुआ निजी भूमि का एक खंड
नरैनी क्षेत्र के लहुरेटा गांव में किसान अजय सिंह, खालिक, सुमनेश कुमार और मोतीलाल के नाम उप्र खनिज परिहार अधिनियम के तहत अनुज्ञापत्र जारी किए गए थे। लेकिन किसान मोतीलाल के बालू खंड में विभागीय जांच हुई और वहां व्यापक रूप से अवैध खनन होना पाया गया। जिस पर 19 सितंबर को उसे बाकायदा नोटिस जारी किया गया और जवाब तलब किया गया।
नोटिस का सही जवाब न दे पाने की स्थिति में शासन से उसके पट्टे में खनन को प्रतिबंधित कर दिया गया और बालू खनन पर रोक लगा दी गई। लेकिन कार्रवाई के बाद भी अन्य पट्टाधारकों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी और वह बदस्तूर अवैध खनन का खेल जारी है।
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