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उत्तर प्रदेश: यमुना नदी के जलस्तर के लगातार बढ़ने के कारण दिल्ली ही नहीं गाजियाबाद और नोएडा में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। निचले इलाकों में पानी फैलने से जगह-जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। गाजियाबाद में भी ट्रोनिका सिटी और लोनी समेत कई गांव हैं, जहां पर पानी अंदर तक पहुंच गया है और लोगों को बेघर होना पड़ा है। लोगों को अपनी रात सड़क पर काटनी पड़ रही है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण गाजियाबाद-बागपत बॉर्डर पर अलीपुर तटबंध करीब 100 फीट चौड़ाई में क्षतिग्रस्त हो गया है।
बढ़ते पानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी गांवों में एनाउंसमेंट करके लोगों को गांव छोड़कर चले जाने के लिए कहा है। अलीपुर तटबंध गुरुवार को सिर्फ 20 फीट क्षतिग्रस्त हुआ था, जो अब बढ़कर 100 फीट हो गया है। यमुना के पानी की धार लगातार तेज होती जा रही है। गुरुवार और शुक्रवार को बागपत व गाजियाबाद का जिला प्रशासन तटबंध जोड़ने के प्रयास करता रहा। लेकिन, कामयाबी नहीं मिल पाई है। ऐसे में जिला प्रशासन ने प्रभावित 7 गांवों को खाली कराने की तैयारी तेज कर दी है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ टीम को लगा दिया गया है।
लोनी-बागपत पुश्ता टूटा, 200 फीट से ज्यादा हुई चौड़ाई; ट्रॉनिका सिटी में पानी भरने बिजनेसमैन परेशान
जलस्तर बढ़ने के चलते करंट फैलने की आशंका है। इसे देखते हुए मंडोला और आवास-विकास बिजलीघर की सप्लाई अगले आदेश तक बंद कर दी गई है। इसकी वजह से बाढ़ के पानी से ट्रोनिका सिटी सहित अलीपुर, पचायरा, नवादा, मीरपुर हिंदू, सुंदरपुर और नौसरपुर आदि गांव प्रभावित हुए हैं।