उत्तर प्रदेश

लोलार्क षष्ठी 2023: पचास फीट नीचे, 72 सीढि़यां उतरकर..4.50 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

Tara Tandi
22 Sep 2023 12:07 PM GMT
लोलार्क षष्ठी 2023: पचास फीट नीचे, 72 सीढि़यां उतरकर..4.50 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
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जमीन से 50 फीट नीचे 72 सीढि़यां और 15 फीट चौड़े कुंड में आस्थावानों का सैलाब उमड़ पड़ा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर संतति और आरोग्य की कामना से 4.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद आस्थावानों ने अपने कपड़े और एक फल व सब्जी का त्याग भी किया।
भाद्रपद्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर भदैनी स्थित लोलार्क कुंड पर मध्य रात्रि के बाद स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। पति-पत्नी ने एकदूसरे का हाथ पकड़कर पवित्र कुंड में डुबकी लगाई। 24 घंटे पहले से ही कतारबद्ध श्रद्धालु बैरिकेडिंग से होते हुए आगे बढ़ रहे थे। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्क्त करनी पड़ी। तीन तरफ से हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए श्रद्धालु कुंड में डुबकी लगाकर भगवान भास्कर को नमन कर रहे थे। कुंड में डुबकी के साथ ही संतति और आरोग्य की कामना भी कर रहे थे। आसपास के रहने वाले यहां पर कई लोग अपने रिश्तेदारों के लिए भी मनौती मानकर स्नान कर रहे थे।
गोरखपुर से आईं सुनीता ने बताया कि वह 24 घंटे से लाइन में लगी थीं। इसके पहले वह 2009 में यहां अपने रिश्तेदार के साथ स्नान के लिए आई थीं। उस वर्ष रिश्तेदार की मनोकामना पूरी हुई। इस बार वह अपनी बहू के लिए लोलार्क कुंड में स्नान करने आई हैं। बिहार के सासाराम से आए राधेश्याम और पत्नी पूजा ने बताया कि वह भी अपने बेटे व बहू के लिए स्नान करने आए हैं। उन्होंने अपने रिश्तेदार से यहां के बारे में सुना था। आजमगढ़ से आए संजीव सिंह ने बताया कि वह अपनी बेटी के लिए यहां पर मन्नत का स्नान करने आए हैं। स्नान के बाद उन्हें पुत्र या पुत्री की प्राप्ति हो गई तो फिर मुंडन संस्कार के लिए भी यहां आना होगा।
स्नान के बाद नहीं हुए लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन
लोलार्क कुंड में स्नान के बाद श्रद्धालुओं को लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन नहीं हो सके। इसके कारण श्रद्धालुओं में काफी निराशा और व्यवस्था के प्रति आक्रोश था। मध्य रात्रि के बाद जब स्नान शुरू हुआ तो श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने के कारण स्नान के बाद सभी को घाट की तरफ निकाल दिया गया।
पुलिस प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए पहले ही इस तरह से बैरिकेडिंग कर रखी थी कि स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिर वापस नहीं पहुंच सकें। जौनपुर से आए विनय कुमार ने कहा कि कई साल से अपने रिश्तेदारों के साथ आ रहे हैं, लेकिन इस बार उनको स्नान के बाद लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन पूजन नहीं कर सके। बलिया से आए सत्येंद्र पांडेय ने कहा कि उन्होंने तो सोचा था कि स्नान के बाद लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन पूजन करेंगे, लेकिन बैरिकेडिंग होने के कारण उनको दर्शन और पूजन करने का अवसर ही नहीं मिला। अब वह इसके लिए दोबारा आएंगे।
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