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सेनेटरी नैपकीन यूनिट पर चार वर्ष से लगा ताला , जानिए पूरा मामला
मीरजापुर। मीरजापुर के विकास खंड सिटी परिसर में स्थित पंचायत विभाग के सेनेटरी नैपकिन उद्योग पर बीते चार वर्षों से ताला लगा हुआ है. बीते 19 जुलाई 2019 से फारेंसिक आडिट के चलते निर्माण कार्य बंद चल रहा है. विभाग के अनुसार प्रदेश भर के 99 ग्राम पंचायतों में फारेंसिक आडिट शासन स्तर से की जा रही है, इसके लिए संबंधित कागजात लखनऊ में जमा कराया गया है. जांच के बाद ही सेनेटरी नैपकीन का निर्माण कार्य आरंभ हो सकेगा. सिटी ब्लाॅक में 8 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया गया साथ ही सेनेटरी नैपकीन बनाने के लिए वर्ष 2012 में लगभग 9 लाख 50 हजार रुपया खर्च करके मशीन लगाया गया है, जो वर्तमान में धूल फांक रही हैं.
गुजरात (Gujarat) के बड़ोदरा माडल पर सेनेटरी नैपकीन (पैड) बनाकर महिलाएं स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ ही आर्थिक रूप से स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की कवायद आरंभ की गई. इसमें महिलाओं को प्रशिक्षण के उपरांत सेनेटरी नैपकिन तैयार करने का रोजगार दिया गया. यूनिट में प्रतिदिन 500 पीस नैपकिन तैयार किया जाता था. सेनेटरी नैपकिन को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला कल्याण विभाग, जिला कारागार, शिक्षा विभाग, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के साथ ही खुले बाजार में बिक्री हो रही थी. फारेंसिक आडिट के चलते अचानक यूनिट बंद होने से तैयार सेनेटरी नैपकिन डंप पड़ी हुई हैं. वहीं महिलाओं के समक्ष रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. पूर्व प्रभारी व एडीओ पंचायत अरुण मिश्रा के अनुसार 19 जुलाई 2019 से प्रकरण की जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही निर्माण कार्य आरंभ हो सकेगा.
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