उत्तर प्रदेश

43 साल से जू में नहीं जन्मे शेर शावक

Admin Delhi 1
13 Aug 2023 3:04 AM GMT
43 साल से जू में नहीं जन्मे शेर शावक
x

मुजफ्फरपुर: पटना जू में भले ही बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन जानवरों के राजा शेर की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. अब भी यहां पर दो ही शेर हैं. पटना जू में वर्ष 1980 में चार शेर आए थे. इनमें दो नर और दो मादा थे. 1982 में चार शावकों का जन्म भी हुआ था. उसके बाद से पटना जू में दूसरे राज्यों से शेर लाने का सिलसिला करीब 43 साल से चल रहा है पर यहां पर शेरों की संख्या संतोषजनक नहीं हो पायी है. यहां पर बाघों के प्रजनन की तरह शेरों के प्रजनन पर कोई ध्यान नहीं है.

देश के 27 जू में शेरों की संख्या करीब 190 वैसे देश के सभी जू व सफारी में शेरों की संख्या करीब 190 है. शेरों की संख्या में अन्य जानवरों की तरह प्रजनन दर में बढ़ोतरी नहीं दिख रही है. गुजरात के राजकोट व जूनागढ़ में शेरों की संख्या अच्छी है, वहां पर उनकी संख्या करीब 90 है. सामान्यत शेर हर दो साल में एक बच्चे को जन्म देते हैं. इनमें एक से चार शावक होते हैं.

शेर की दहाड़ करीब आठ किमी तक वन्य क्षेत्रा पदाधिकारी के अनुसार नर शेर दूसरे घुसपैठियों शेर को डराने के लिए पेशाब से निशान बनाकर और दहाड़ मारकर अपने क्षेत्र की रक्षा करते हैं. शेर की दहाड़ आठ किमी दूर तक सुनाई देती है.

प्रदेश के जंगलों में कोई शेर नहीं, जू में दो

वर्तमान में पटना जू में शेरों की संख्या दो हैं. इनमें एक मादा और एक नर है. इनमें नर शेर सम्राट बुढ़ापा की ओर है. उम्र करीब 11 साल हो गयी है. शेर की औसत उम्र 10 से 15 वर्ष होती है. वहीं दूसरा शेरनी जो दो साल की है, उसे हाल ही में राजगीर जू सफारी से लाया गया है. वैसे प्रदेश के जंगलों में शेर नहीं हैं. इस पर पारिस्थितिकी व पर्यावरण के निदेशक सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सामान्यत शेर गिर के जंगलों में पाये जाते हैं. वैसे प्रदेश के जंगलों में ये नहीं पाए जाते. शेर सिर्फ पटना जू व राजगीर सफारी में ही हैं.

Next Story