उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी की तरह कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मामले में पहले केस की मेरिट पर होगी बहस

Renuka Sahu
22 July 2022 5:36 AM GMT
Like Gyanvapi, the merit of the first case will be debated in the Krishna Janmasthan-Idgah case.
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फाइल फोटो 

वाराणसी की ज्ञानवापी की तरह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह प्रकरण में पहले केस की मेरिट पर सुनवाई होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाराणसी की ज्ञानवापी की तरह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह प्रकरण में पहले केस की मेरिट पर सुनवाई होगी। सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत ने ईदगाह कमेटी के उस प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया है, जिसमें उन्होंने सेवन रूल इलेवन के तहत सुनवाई की अदालत से प्रार्थना की थी। अदालत में 25 जुलाई से रोजाना दोपहर 3 बजे से सुनवाई शुरू होगी।

अदालत ने कृष्ण जन्मभूमि के वादी पक्ष के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने ऑर्किलोजिकल सर्वे कराने तथा अमीन कमीशन नियुक्त करने की मांग की थी। उधर वादी पक्ष के महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि वह इस आदेश को जिला जज की अदालत में चुनौती देंगे।
सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत ने ईदगाह कमेटी के उस प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया है, जिसमें मांग की गई थी, कि वाद के विचरण से पूर्व सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई हो। इसमें यह तय हो जाए कि वाद विचरण के योग्य है अथवा नही। वादी पक्ष सेवन रूल इलेवन से पूर्व विवादित स्थल का ऑर्किलोजिकल सर्वे कराने तथा अमीन कमीशन नियुक्त करने की मांग अदालत से कर रहा था। अदालत ने पिछली तिथि पर ही अपने आदेश को रिजर्व कर लिया था।
गुरूवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल होने के बाद भी अदालत ने अपना निर्णय दिया। अधिवक्ता व वादी राजेन्द्र माहेश्वरी, महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने हमारे द्वारा दिए गए ऑर्किलोजिकल सर्वे के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए सेवन रूल इलेवन पर 25 जुलाई से दोपहर तीन बजे से डे-टू-डे सुनवाई के आदेश दिए हैं। महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वह इस आदेश को जिला जज की अदालत में चुनौती देंगे।
शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव व अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत ने हमारे सेवन रूल इलेवन के प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए डे-टू-डे सुनवाई के आदेश दिए हैं। वादी पक्ष मई माह से अदालत में अलग अलग प्रार्थना पत्र देकर मामले को टालने का प्रयास कर रहा था। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि सेवन रूल इलेवन के तहत पहले यह तय हो जाए कि वाद विचरण योग्य है अथवा नहीं, अदालत ने उनके प्रर्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है।
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