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उत्तरप्रदेश | हाथरस में 27 साल पहले फिरौती के लिए अपहरण के मुकदमें में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
एडीजीसी सुधाकर कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के गांव नहरोई निवासी प्रमोद कुमार ने 17 जुलाई 1996 को इगलास थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोप था कि 13 जुलाई 1996 को उनके भाई प्रेमपाल उर्फ गुड्डू स्कूटर से अपनी पत्नी आदेश को बीए की परीक्षा दिलाने के लिए बागला डिग्री कालेज, हाथरस गए थे. पत्नी से कहा था कि अगर वह न आ पाए तो अकेली घर चली जाएं. प्रेमपाल नहीं आए तो आदेश अकेली घर आ गईं. लेकिन, प्रेमपाल घर नहीं आए. काफी तलाशने के बाद कोई पता नहीं चला. 15 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके चचेरे भाई दलवीर सिंह को पत्र दिया, जिसमें चार लाख रुपये की फिरौती मांगी गई. पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. कुछ दिन बाद प्रेमपाल को बरामद किया था. मामले में इगलास क्षेत्र के नरायनपुर निवासी मानदास, तेजवीर, रामबेटी व लोधा क्षेत्र के नगला दाल सहाय निवासी प्रमोद कुमार शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. चारों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हुई. सत्र परीक्षण के दौरान मानदास, रामबेटी व प्रमोद की मौत हो गई. एडीजे 14 अमित कुमार तिवारी की अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर तेजवीर को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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Harrison
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