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रामपुर। दहेज के लिए विवाहिता को जलाकर मारने के मामले में अपर सत्र न्यायधीश कक्ष संख्या एक के पीठासीन अधिकारी संजीव कुमार तिवारी ने मां बेटे को आजीवन कारावास और रिश्ते के भाई को तीन साल की सजा और तीनों पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है।
मिलक थाना क्षेत्र निवासी दारिका प्रसाद ने अपनी बेटी नीरज की शादी इसी थाना क्षेत्र के गांव रजपुरा निवासी अंशु कुमार से की 21 फरवरी 2015 को की थी। शादी के बाद कुछ समय तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन ससुराल वालों ने बाद में उससे और दहेज की मांग शुरू कर दी थी। आरोप है कि 23 सितंबर 2016 को आरोपियों ने दहेज की मांग पूरी नही होने पर उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी। जिसके बाद आसपास के लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां हालत गंभीर होने के बाद उसको बरेली रेफर कर दिया था।
वहां पर मौत हो गई थी। इस मामले में तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी अंशु कुमार, मीरा देवी और मृतका के फुफेरे जेठ सुरेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज लिया था। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायधीश कक्ष संख्या एक के पीठासीन अधिकारी संजीव कुमार तिवारी की कोर्ट में चल रही थी। जहां सोमवार को इस मामले में कोर्ट ने सजा सुना दी। एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने बताया कि दहेज हत्या के मामले में आरोपी मीरादेवी और अंशु कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि धारा 498 ए में मीरादेवी,अंशु कुमार और सुरेंद्र को दो वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माना लगाया गया। धारा चार दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत तीनों को एक साल की सजा और पांच हजार का जुर्माना डाला।
ससुराल वाले विवाहिता नीरज को शादी के कुछ समय के बाद ही परेशान करने लगे थे। जिसकी शिकायत उसने परिजनों से की थी। जिसके बाद मामले में थाने में तहरीर दी थी।उसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को बुलाकर थाने में समझौता करा दिया था,लेकिन उसके बाद भी उन लोगों में कोई सुधार नही आया,जिसके 2016 में आरोपियों ने उसको जलाकर मार दिया।
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