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- एलआईसी को ₹ 12.75 लाख...
संत कबीर नगर. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह, सदस्य सुशील देव व महिला सदस्य संतोष ने बुधवार को पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाने पर बीमा धनराशि न देने के मामले में भारतीय जीवन बीमा के खिलाफ फैसला सुनाया है। बीमा कंपनी को बीमित धनराशि रुपये पांच लाख व दुर्घटना हित लाभ रुपये पांच लाख, अनुग्रह धनराशि रुपये 2.50 लाख तथा क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रुप में रुपये 25 हजार अदा करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है। मामला कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के मुखलिसपुर रोड मोहल्ला गांधीनगर का है।
कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के गांधीनगर मोहल्ला निवासी शिवांगिनी सिंह ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल कर कहा कि उनके पति शिवविजय सिंह ने 19 अप्रैल 2017 को रुपये पांच लाख की पॉलिसी भारतीय जीवन बीमा निगम से लिया था जिसका मासिक प्रीमियम रुपये 1933 था। उनके पति दिनांक छह जुलाई 2019 को मई व जून 2019 तक के प्रीमियम का भुगतान विलंब शुल्क के साथ किये हैं। दिनांक 18 अगस्त 2019 को उनके पति की गौतमबुद्धनगर जिले में भीषण सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उनके दो छोटे बच्चे हैं। बीमा कंपनी ने पालिसी कालातीत होने का हवाला देते हुए दावे की धनराशि देने से इंकार कर दिया। उन्होंने पति की असमय मृत्यु होने की वजह से दावे की धनराशि पाने के लिए काफी भाग-दौड़ किया, परन्तु कहीं सुनवाई नही हुई। थक-हारकर न्यायालय की शरण मे आना पड़ा।
न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने तथा परिवादिनी व उनके बच्चों के अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के बहस व दलीलों को सुनने के उपरांत एलआईसी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा है कि वह बीमित धनराशि रुपये पांच लाख व दुर्घटना हित लाभ रुपये पांच लाख, अनुग्रह धनराशि रुपये 2.50 लाख तथा क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रुप में रुपये 25 हजार कुल रुपये 12.75 लाख बीमा धारक के मृत्यु तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक आठ प्रतिशत ब्याज साथ 60 दिनों के भीतर परिवादिनी को अदा करे।