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यूपी में जनता की समस्याओं के स्थायी समाधान की जरूरत है। इसे कांग्रेस ही सत्ता में आने पर कर सकती है। यूपी का पार्टी पर्यवेक्षक बनाए जाने पर कहते हैं कि माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ में होने के कारण दोनों राज्यों के बीच गहरा रिश्ता है। इसलिए उन्हें मिली नई जिम्मेदारी से अचंभित होने की आवश्यकता नहीं है। प्रस्तुत है भूपेश बघेल से 'अमर उजाला' की बातचीत के मुख्य अंश:
जवाब : कांग्रेस पार्टी ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अभी तक कुल आठ प्रतिज्ञाओं की घोषणा की है। शीघ्र ही कुछ और प्रतिज्ञाएं भी सामने आएंगी, जोकि हमारे चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा हैं। आम मतदाताओं में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हमारी ये प्रतिज्ञाएं यूपी में बदलाव की राजनीति है।
सवाल : यूपी और छत्तीसगढ़ का मिजाज एकदम अलग है। ऐसे में आपको यूपी इलेक्शन का पर्यवेक्षक बनाए जाने के पीछे की क्या मंशा है?
जवाब : यह बात सही है कि हमारे यहां 32 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति से है। जबकि छत्तीसगढ़ में पिछडे़ वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। इस लिहाज से दोनों राज्यों की स्थिति में काफी समानता है। वहां के अनुभव, यहां भी काम आएंगे।
सवाल : छत्तीसगढ़ में ऐसे कौन से मुद्दे हैं, जो यूपी में भी कारगर हो सकते हैं?
जवाब : लगातार तीसरे साल हम बिजली बिल या तो माफ कर रहे हैं या हाफ कर रहे हैं। केंद्र सरकार के अड़ंगे के बावजूद किसानों समेत सभी तबकों के लिए विशेष रियायतें देने में सफल हुए हैं। जब छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में हम ये सुविधाएं और रियायतें दे सकते हैं, तो यूपी में क्यों नहीं दे सकते हैं। यह सवाल लेकर भी हम जनता के बीच जाएंगे।
सवाल : यूपी में कांग्रेस संगठन की स्थिति दूसरे प्रतिद्वंद्वी दलों के मुकाबले कमजोर मानी जाती है?
जवाब : दो साल में स्थिति बदल चुकी है। न्याय पंचायत स्तर तक हमारे प्रशिक्षण शिविर हो चुके हैं। 15 साल हम छत्तीसगढ़ में विपक्ष में रहे। वहां के संगठन और कार्यकर्ता खड़े करने के अनुभव का यहां भी निश्चय ही लाभ मिलेगा। आज यूपी में न्याय पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर तक हमारा संगठन खड़ा हो चुका है।
सवाल : यूपी के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के बारे में आपका क्या ख्याल है?
जवाब : भाजपा की योगी सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। किसान अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रख रहे हैं। बेरोजगार भी विरोध कर रहे हैं। यूपी सरकार ने बरसों से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने का अपना वादा नहीं निभाया। आने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस की ओर ही देख रही है।
सवाल : सीएम चेहरे को सामने लाए बिना कैसे सफलता हासिल करेंगे?
जवाब : सीएम चेहरा कौन होगा, यह तो पार्टी हाईकमान ही बता सकता है। मैं इतना कह सकता हूं कि महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हम जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। यूपी सरकार ने प्रियंका गांधी को कई दिनों तक हिरासत में रखा, इसके बावजूद न उनके और न ही कार्यकर्ताओं के संघर्ष के जोश में कोई कमी आई है। आम जनता के लिए यही संघर्ष हमें यूपी में सत्ता तक पहुंचाएगा।
सवाल : नेतृत्व के लिहाज से प्रदेश कांग्रेस की क्या स्थिति महसूस करते हैं?
जवाब : यूपी में नेतृत्व की कमी थी। इसकी भरपाई प्रियंका गांधी ने कर दी है। आगे इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिलेंगे। लखीमपुर में प्रियंका के खड़ा होने से कांग्रेस के आंदोलन में युवाओं की लंबी कतार लग गई।
सवाल : सपा-बसपा की चुनौती को किस रूप में लेते हैं?
जवाब : इन वर्षों में सपा या बसपा जमीन पर कहीं आपको संघर्ष करती हुई दिखी? जनता सब समझ रही है कि सपा, बसपा या कांग्रेस में जमीन पर संघर्ष कौन कर रहा है। हाथरस, उन्नाव और सोनभद्र में आम जनता की आवाज बनकर कांग्रेस ही सामने आई। यह अब किसी से छिपा नहीं रह गया है।
सवाल : पर्यवेक्षक के तौ पर यूपी को कितना समय देंगे?
उत्तर : मुझे छत्तीसगढ़ और यूपी में ही रहना है। हर हफ्ते यूपी आऊंगा। सोमवार को कई सामाजिक संगठनों के लोगों से मुलाकात की। यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा। मैं यहां सबसे मिलूंगा। कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं से और सामाजिक व कर्मचारी संगठनों के लोगों से भी।
सवाल : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत के क्या कारण मानते हैं। क्या ये मुद्दे यूपी में भी प्रभावी होंगे?
जवाब : कार्यकर्ताओं की एकजुटता, किसानों की आवाज बनना और पार्टी नेता राहुल गांधी का मार्गदर्शन हमारी सफलता का आधार बने। राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान जो वादे किए जनता ने उन पर पूरा भरोसा किया।