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उत्तर प्रदेश
यूपी के 22 जिलों में हुई सामान्य से कम बारिश, बने सूखे के हालात, किसान हुए परेशान
Shantanu Roy
23 Aug 2022 12:09 PM GMT

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून सीजन में कई जिलों में तो भारी बारिश हुई है। लेकिन कुछ जिले ऐसे रह गए है यहां बारिश बहुत कम मात्रा में हुई है। जिसके चलते कम बारिश होने के कारण उन जिलों में सूखे के हालात बने हुए है। जिसे देखते हुए यूपी सरकार जल्द ही इन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का बड़ा फैसला ले सकती है। बता दें कि इस बार सावन माह में और उसके बाद भी राज्य में अच्छी बारिश नहीं हुई। प्रदेश में 22 जिले ऐसे हैं जहां वर्षा 40 प्रतिशत से भी कम हुई है।
ऐसे में राज्य के कुछ क्षेत्रों में खरीफ फसलों के तहत धान की रोपाई सहित अन्य फसलों की बुवाई पर असर पड़ा है। क्योंकि यह फसलें बारिश पर निर्भर है। इस बार जितनी उम्मीद लगाई थी, उस अनुसार बारिश नहीं हो रही। वहीं प्रदेश में पिछले दो वर्षों में 21 अगस्त तक 89.4 व 92.5 प्रतिशत वर्षा हुई थी, जबकि इस बार का आंकड़ा महज 50.3 तक पहुंचा है। ऐसे हालातों को देखते हुए योगी सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है और कम बारिश वाले इन इलाकों को जल्द सूखाग्रस्त घोषित कर सकती है।
इन जिलों में उम्मीद से कम बारिश
राज्य के 13 जिलों में 60 से 80 प्रतिशत, 32 जिलों में 40 से 60 प्रतिशत और 22 जिलों में बारिश 40 प्रतिशत से भी कम है। इसमें सबसे कम जौनपुर में 19.4, फर्रुखाबाद में 20.8, गौतमबुद्ध नगर में 20.9, कुशीनगर में 21.1, रायबरेली में 22, गाजियाबाद में 22.2, कौशांबी में 22.9 व चंदौली में 23.9 प्रतिशत वर्षा हुई है। आठ जिलों में वर्षा 25 प्रतिशत से भी कम है।बुंदेलखंड में अब तक सामान्य का 112.3 प्रतिशत, पश्चिम में 50.2, मध्य क्षेत्र में 52.3 और पूरब में 36.9 प्रतिशत वर्षा हुई है। चित्रकूट में 130.4 व आगरा में शत-प्रतिशत और फिरोजाबाद, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, औरैया, हापुड़, एटा व इटावा में ही 80 प्रतिशत बारिश हुई है।
बारिश कम होने से किसान परेशान
प्रदेश में जिन जिलों में बारिश कम हुई है। उन में सूखे के हालात बनते देख किसान बहुत परेशान है। क्यों कि किसान अपनी खेती के लिए बारिश पर ही निर्भर है। कृषि विभाग का दावा है कि अधिकांश क्षेत्रों में धान की रोपाई व अन्य फसलों की बुवाई हो चुकी है। किसानों के सामने छिटपुट वर्षा होने से जैसे तैसे बुवाई की जाने वाली फसलों को बचाने का संकट जरूर है।
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