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फैजाबाद न्यूज़: स्थगन आदेश के बावजूद भूमि पर हो रहे नवनिर्माण के संबंध में सरसरी तौर पर गलत आख्या लगाकर लापरवाही बरतना लेखपाल को भारी पड़ गया. नायब तहसीलदार की आख्या पर उपजिलाधिकारी ने लेखपाल को निलंबित करके विभागीय जांच बैठाई है. मामला मिल्कीपुर तहसील के कोटडीह गांव का है.
कोटडीह निवासी रामनियत शुक्ला ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसके निजी खाते की संक्रमणीय भूमि पर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है, जहां से स्थगन आदेश भी उसके पक्ष में पारित किया गया है. इसी भूमि पर विपक्षी ने भवन निर्माण करना प्रारंभ किया तो एसडीएम मिल्कीपुर से शिकायत की गई. चार मई को लेखपाल कमलेश कुमार तिवारी ने सरसरी तौर पर आख्या भेज दी. पुन शिकायत हुई तो छह मई को राजस्व निरीक्षक ने जांच की और स्थगन आदेश के बीच निर्माण कार्य रुकवाने के निर्देश दिए. इस बीच आठ मई को उक्त भवन पर छत भी पड़ गया तो पीड़ित ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की. जिस पर लेखपाल ने आख्या लगाई और लिखा कि जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद उक्त मकान पर छत पड़ गई है. यह समस्त रिपोर्ट लेकर पीड़ित ने जिलाधिकारी से शिकायत की तो उन्होंने एसडीएम को कार्यवाही करने का निर्देश दिया. इसके बाद एसडीएम मिल्कीपुर ने उक्त लेखपाल को निलंबित करके विभागीय जांच बैठाई है और तहसीलदार मिल्कीपुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. इस अवधि में लेखपाल को राजस्व निरीक्षक कार्यालय में संबद्ध किया गया है.