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बड़ी खबर
कानपुर। सर संघ चालक मोहन भागवत मंगलवार रात कानपुर से वाराणसी के लिए रवाना हुए। इससे पहले प्रवास के अंतिम दिन तीन सत्रों में बैठकें की। पहले सत्र में कुटुंब प्रबोधन, दूसरे में सेवा विभाग और तीसरे सत्र में प्रांत कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ भविष्य की रूपरेखा तय की। भागवत ने तीनों सत्रों में हिंदुत्व के एकत्रीकरण के साथ ही वर्ष 2025 तक हर गांव में शाखा लगाने पर जोर दिया। शहरों में सभी बस्तियों में एक प्रमुख बनाया गया है। यह बस्ती प्रमुख सनातनी संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ संयुक्त परिवार बनाए रखने पर जोर देंगे। मल्टीस्टोरी और सोसायटी में भी शाखा लगने पर काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन हर बस्ती में और गांव में शाखा होंगी तभी भारत विश्व गुरु बनेगा। इस सपने को स्वयंसेवक सच करके दिखाएंगे, इस बात का पूरा भरोसा है। संघ प्रमुख ने प्रांत पदाधिकारियों ने तीनों सत्रों में कहा कि शाखा लगाने के साथ लोगों के सुख दुःख के भागीदार बने। समाज में व्याप्त दुर्गणों को दूर करने और स्वरोजगार पर जोर देना होगा। इसके लिए बस्तियों से लेकर गांवों तक नियमित संपर्क करना होगा । जिला और विभाग स्तर पर इसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग हो। हिंदुत्व एकत्रीकरण के लिए उनके बीच जाकर सेवा कार्य शुरू करें। बस्तियों और गांवों के धार्मिक और पारिवारिक उत्सवों में स्वयंसेवकों की भी भागीदारी हो, भले ही वह किसी रूप में है। इन कार्यक्रमों के जरिए संघ विचारों के जरिए उनसे दिली नाता जोड़ने की जरूरत है। वर्ष 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष है। इस कारण हर गांव में शताब्दी वर्ष के अंत तक शाखा लगनी शुरू हो जाए। शुरूआती दिनों में भले ही शाखाओं में संख्या कम हो, इस दिशा में ध्यान नहीं देना है। शुरुआत एक से हो तो भी करो।
इसके बाद गांवों और बस्तियों में निरंतर संपर्क करें तो जल्द ही शाखा विकराल रूप लेगी। शाखा और संगीत निरंतर अभ्यास की चीज है। संगीतकार रोज प्रैक्टिस करता है तो संघ की शाखा भी रोज लगती हैं। संघ प्रमुख ने सेवा विभाग के कार्यकर्ताओं से उनके कार्य का लेखा-जोखा जाना। इसके साथ ही सरसंघचालक ने कहा संघ सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है। इस कारण जिम्मेदारी बनती है कि समाज की हर पीड़ा से रुबरू होकर हर वर्ग को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि जातिवाद की मानसिकता पूर्णतया समाप्त करनी होंगी। नजीर पेश करके साबित करना होगा कि सभी हिन्दू भारत माता की संतान हैं। मोहन भागवत ने कहा कि स्वर संगम घोष शिविर की सार्थकता तभी होगी, जब यह अभ्यास लगातार जारी रहे। जिलों में घोष की अच्छी टीम बने। मंदिर, श्मशान, जलाशय पर हिन्दू समाज का समान अधिकार हो। जातिवाद समाज के लिए नासूर है । कोई बड़ा छोटा नही सब समान है सभी जातियों का समाज राष्ट्र हित में योगदान रहा है ऐसी कोई जाति नही जिसमें महापुरुष न पैदा हुए हैं। सर संघ चालक मोहन भागवत ने मंगलवार को प्रांत पदाधिकारियों संग दोपहर बाद बैठक की। इसमें स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने के काम पर जोर देने की बात कही। कहा कि कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के हाथ में रोजगार होगा तो आर्थिक ढांचा मजबूत होगा। गांवों से होने वाला पलायन थमेगा तो अपने आप शाखाओं का विस्तार ग्रामीण अंचलों में होना शुरू हो जाएगा। एक तरह से संघ के लक्ष्य पूर्ति का यह भी जरिया बनेगा।शाखाओं के जरिए जातिगत मानसिकता खत्म कराने पर जोर रहा। बैठक में अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, प्रांत संघचालक ज्ञानेंद्र सचान, प्रांत प्रचारक श्रीराम, सह प्रांत प्रचारक रमेश, प्रांत प्रचार प्रमुख डा. अनुपम, प्रांत सहकार्यवाह भवानी भीख, प्रांत सेवा प्रमुख डा. अरूण सिंह, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख विकास प्रांत शारीरिक प्रमुख ओंकार, सह शारीरिक प्रमुख अमीर सहित कई लोग मौजूद रहे।
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