उत्तर प्रदेश

बिल्डर को फर्जीवाड़ा कर दी करोड़ों की जमीन वापस लेगा एलडीए

Admindelhi1
8 May 2024 5:17 AM GMT
बिल्डर को फर्जीवाड़ा कर दी करोड़ों की जमीन वापस लेगा एलडीए
x
मामले की एलडीए एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जांच करायी थी.

मथुरा: एलडीए के पूर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलीभगत जो 100 करोड़ की जमीन बिल्डर को दे दी थी प्राधिकरण अब उसे वापस लेगा. तत्कालीन अधिकारियों ने नदी में समाहित 6070 वर्गमीटर भूमि के बदले बिल्डर को इतनी ही जमीन शहीद पथ के किनारे गोमतीनगर विस्तार में प्राइम लोकेशन पर दे थी. मामले की एलडीए एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जांच करायी थी. जांच में घोटाले की जानकारी हुई. जिसके बाद उन्होंने इसका समायोजन निरस्त कर दिया था. अदालत के आदेश पर उन्होंने दोबारा सुनवायी व जांच की. अब एक बार फिर इसमें फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई. जिसके बाद उपाध्यक्ष ने फिर इसका आवंटन समायोजन निरस्त कर दिया. इसी के साथ जमीन पर प्राधिकरण को अपना कब्जा लेने का आदेश किया है.

उपाध्यक्ष डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि मेसर्स राज गंगा डेवलपर्स पार्टनर संचित अग्रवाल पुत्र अशोक ने 2006 को प्रार्थना पत्र दिया था कि गोमती नगर के ग्राम-मलेशेमऊ में जमीन के बदले इतने ही क्षेत्रफल की अविकसित भूमि प्राधिकरण की योजना में किसी अन्य जगह दे दी जाए. एलडीए ने अमर शहीद पथ, गोमती नगर विस्तार योजना के मलेशेमऊ सहित अन्य की 1146 एकड़ भूमि का अधिग्रहण 2000 में किया था. जिसमें मलेशेमऊ का खसरा संख्या-673क गोमती में समाहित होने के कारण सम्मिलित नहीं किया था. अर्जन अनुभाग में तत्समय तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों ने उक्त भूमि के अंश को नदी में समाहित दर्शाया.

नियम विरुद्ध शत प्रतिशत भूमि का समायोजन किया: 12 जनवरी 2007 को उक्त अनार्जित 6070 वर्गमीटर भूमि के बदले राज गंगा डेवलपर्स को प्राधिकरण की गोमती नगर विस्तार योजना के सेक्टर-4 में 6070 वर्गमीटर भूमि समायोजित कर दी गयी. इसके एवज में फर्म की तरफ से वाह्य विकास शुल्क के रूप में लाख रूपये एलडीए में जमा कराया गया. उस समय उसकी एक्सचेंज डीड बिल्डर के पक्ष में नहीं हुई. अर्जन अनुभाग के प्रभारी के मुताबिक तत्कालीन उपाध्यक्ष ने राज गंगा डेवलपर्स द्वारा पूर्व में जमा करायी गयी धनराशि को समायोजित कर दिया. वाह्य विकास शुल्क वर्तमान दर से लेते हुए पूर्व आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री राज गंगा डेवलपर्स के पक्ष में निष्पादित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी. राज गंगा डेवलपर्स ने 84 लाख 98 हजार रूपये जमा कराकर भूखण्डों की रजिस्ट्री अपने पक्ष में करा ली.

Next Story