उत्तर प्रदेश

महिला पुलिसकर्मियों की परेशानी पर विधि छात्र-छात्राओं ने की पड़ताल, करेंगे पीआईएल दाखिल

Admin Delhi 1
26 Jun 2023 6:28 AM GMT
महिला पुलिसकर्मियों की परेशानी पर विधि छात्र-छात्राओं ने की पड़ताल, करेंगे पीआईएल दाखिल
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इलाहाबाद न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यूपी के पुलिस थानों में महिला शौचालय बनाने के नाम पर खानापूरी की गई है. कहीं पर कॉमन शौचालय है तो किसी थाने में महिला शौचालय का बोर्ड ही गायब है. महिलाओं के लिए कोई विश्राम कक्ष नहीं है. ये हाल प्रयागराज के कई पुलिस स्टेशन का है. विधि की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने 13 पुलिस स्टेशनों की पड़ताल की. महिला पुलिसकर्मियों से उनकी समस्याएं जानीं. विधि छात्र इस प्रकरण में जनहित याचिका दाखिल करने की तैयारी में है.

इलाहाबाद डिग्री कॉलेज की विधि छात्रा दीक्षा यादव, शिल्वी तिवारी, एसएस खन्ना डिग्री कॉलेज की प्रिया, समीक्षा सिंह, कृति, पंडित सोमचंद्र द्विवेदी लॉ कॉलेज के विधि छात्र विजय कुमार और भारती विद्यापीठ के देवांश सिंह ने थानों की पड़ताल की. छात्राओं ने महिला पुलिसकर्मियों से बात की तो उन्होंने अपनी परेशानी बयां की. सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन को छोड़कर शहर के किसी भी थाने में महिला पुलिसकर्मियों के लिए विश्राम कक्ष नहीं मिला. इसके कारण माहवारी के दिनों में महिला पुलिसकर्मियों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है. शौचालयों में इतनी गंदगी होती है कि वहां इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हर थाने में अलग से महिला शौचालय नहीं बना है. जहां बना हैं, वहां अव्यवस्था है. गेट टूटा है.

अंजलि पांडेय की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के थानों में महिला शौचालय बनाने का आदेश दिया था. अपर मुख्य सचिव गृह ने प्रदेश के 1425 पुलिस स्टेशन में अलग से महिला शौचालय बनाने के लिए 94.93 करोड़ का बजट जारी किया था. इसमें 1425 थानों में स्थायी और 42 थानों में प्री-फैब्रिकेटेड शौचालय बनने थे. प्रयागराज के थानों पर बने शौचालयों पर सिर्फ बोर्ड बदल दिए गए थे.

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