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- ऊहापोह के बीच बीती...
खनन माफिया से सीधी मुठभेड़ की घटना ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को असमंजस व ऊहापोह के भंवर में ढकेल दिया है। बुधवार देर शाम से लेकर गुरुवार को पूरे दिन उच्चाधिकारियों के चेहरे की भाव भंगिमा अलग दिखी। अधिकारियों की आंखें बता रही थी कि बुधवार की रात ऊहापोह व बेचैनी में कटी है। दिन के उजाले में भी उनके चेहरे पर कसमकस व उधेड़बुन के भाव चस्पा रहे।
बाहुबली खनन माफिया के खिलाफ पुलिस ने मोर्चा यूं ही नहीं खोला। 13 सितंबर को एसडीएम ठाकुरद्वारा व खान निरीक्षक को बंधक बनाए जाने की घटना खामोशी के साथ देखने वाली पुलिस का जमीर तब जागा, जब सीधे मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया। अपराध समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि बगैर उच्चाधिकारियों के वरदहस्त के खनन माफिया एसडीएम को बंधक बनाने का दुस्साहस कर ही नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने पर्दे के पीछे के सभी खिलाड़ियों को बेजार करने का आदेश डीआईजी को दिया। फौरी तौर पर खनन माफिया तैय्यब समेत एक दर्जन आरोपियों को सिलसिलेवार गिरफ्तार करने के बाद पुलिस की चाल अचानक सुस्त पड़ गई।
मंगलवार देर रात खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में नए सिरे से तब तूल पकड़ा, जब डीआईजी शलभ माथुर क्राइम मीटिंग के दौरान ठाकुरद्वारा थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार पर उबल पड़े। उन्होंने पुलिस को आइना दिखाते हुए 50 हजार के इनामी जफर को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया। दूसरे ही दिन एसओजी की मदद से ठाकुरद्वारा पुलिस जफर की तलाश में जुट गई। बुधवार देर शाम खनन माफियाओं से मुठभेड़ की खबर मिलते ही डीआइजी शलभ माथुर, एसएसपी हेमंत कुटियाल, एसपी ग्रामीण संदीप कुमार मीणा, सीओ सिविल लाइंस अनूप कुमार के अलावा इंस्पेक्टर मझोला, थाना प्रभारी छजलैट, मूंढापांडे, डिलारी, पाकबड़ा, भोजपुर के उपनिरीक्षक सुधीर, भगतपुर थानाध्यक्ष के अलावा बिजनौर एसपी सिटी के नेतृत्व में तीन थाने की फोर्स बुधवार देर रात से गुरुवार को पूरे दिन ठाकुरद्वारा में जमी रही।
अनहोनी की आशंका में फोर्स ने डाला थाने पर डेरा
मुरादाबाद : ठाकुरद्वारा थाना उत्तराखंड की सीमा पर स्थित है। ऐसे में पुलिस के उच्चाधिकारियों को संदेह था कि खनन माफिया व उनके गुर्गे ठाकुरद्वारा व उसके आसपास कानून व्यवस्था को चुनौती दे सकते हैं। यही वजह रही कि ठाकुरद्वारा में पूरे दिन भारी फोर्स जमा रही। आपात परिस्थिति से निपटने के लिए पीएसी को भी अलर्ट मोड में रखा गया था। क्यूआरटी जवानों की तैनाती थाने के आसपास की गई थी। हालांकि उत्तराखंड पुलिस से उच्चाधिकारी लगातार संवाद व समन्वय बनाने की कोशिश करते रहे।
उत्तराखंड पुलिस के दावे से सकते में अधिकारी
जसपुर के ज्येष्ठ उप ब्लाक प्रमुख व भाजपा नेता गुरताज सिंह के दरवाजे पर बदमाशों की मुठभेड़ की घटना प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने जो तेवर दिखाया, उससे मुरादाबाद पुलिस के अधिकारियों के कान खड़े हो गए। पुलिस अधिकारियों को यकीन ही नहीं हो रहा कि उत्तराखंड पुलिस एसओजी व ठाकुरद्वारा पुलिस को अपराधी करार देगी। कुमाऊं रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद सिंह ने दो टूक कह दिया कि यूपी पुलिस बगैर बताए भरतपुर गांव में दाखिल हुई। रात में रेड के दौरान बगैर वर्दी ज्येष्ठ उप ब्लाक प्रमुख के घर में घुसे यूपी पुलिस के जवानों ने अंधाधुंध फायरिंग की। पुलिस की फायरिंग से एक महिला की मौत हो गई। यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर उन्होंने तीखे सवाल दागे।
मुरादाबाद पुलिस पर आरोप निराधार
उत्तराखंड पुलिस द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। उधमसिंह नगर के एसएसपी से बातचीत के बाद ही ठाकुरद्वारा व एसओजी की टीम उत्तराखंड में दाखिल हुई। बातचीत से संबंधित सीडीआर पुलिस के पास मौजूद है। मुरादाबाद पुलिस को बंधक बनाकर मारपीट की गई। पुलिसकर्मियों का असलहा लूटा गया। सरकारी वाहन फूंका गया। जब पुलिसकर्मियों का असलहा पहले ही लूट लिया गया, तब महिला की हत्या करने के आरोप बेबुनियाद हैं। खनन माफिया पर हमला करने के आरोप में अभियोग दर्ज करते हुए घटना की जांच शुरू कर दी गई है।