उत्तर प्रदेश

लंका पुलिस ने 11 टन प्रतिबंधित मछली के साथ चार तस्करों को पकड़ा

Shantanu Roy
28 Dec 2022 5:56 PM GMT
लंका पुलिस ने 11 टन प्रतिबंधित मछली के साथ चार तस्करों को पकड़ा
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वाराणसी। लंका थाना क्षेत्र के डाफी टोल प्लाजा के पास पुलिस टीम ने बुधवार को छापेमारी कर एक ट्रक से 11 टन प्रतिबंधित मांगुर मछली बरामद करने के साथ चार तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया। तस्कर प्रतिबंधित मछली कोलकाला से जौनपुर ले कर जा रहे थे। गिरफ्तार तस्करों में 24 परगना (प. बंगाल) बसीरहट थाना क्षेत्र के नेवरा निवासी हसन सैय्यद अली पियाल, उत्तर दबीपुर का अनीसुर आलम, फिरोजाबाद (यूपी) के केसरान का समीर खान, इटावा स्वरूपनगर निवासी सफी खान हैं। पुलिस टीम को डाफी टोल प्लाजा के पास चेकिंग के दौरान ये सफलता मिली। टोल प्लाजा पर पुलिस टीम ने वाहन को रुकने का संकेत किया तो चारों उतरकर भागने लगे, जिन्हें पुलिस टीम ने दौड़ा कर पकड़ लिया गया।
वाहन की तलाशी लेने पर प्रतिबंधित मछली मिली। बताते चलें कि प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गेरीपाइंस है, यह मांस खाने वाली मछली होती है। मछली पालक अधिक मुनाफे के चक्कर में सरकारी तालाबों और खेतों में निजी तालाब बनाकर पाल रहे हैं। यह मछली चार माह में ढाई से तीन किलो तक तैयार हो जाती है। थाई मछली में 80 फीसद लेड और आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है। थाई मछली वैक्टर जनित रोगों को जन्म देती है। इस मछली को खाने से कैंसर, डायबिटिज सहित अन्य गंभीर बीमारियां होती है। यह मछली पानी इकोसिस्टम को खाकर खत्म कर देती है। यह मछली मांसाहारी है, यह इंसानों का भी मांस खाकर बढ़ जाती है। राष्ट्रीय हरित क्रांति न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अनुसार, थाई मांगुर मछली पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। एनजीटी ने इस मछली को प्रतिबंधित कर, मत्स्य विभाग के अधिकारियों को इस मछली को नष्ट कराने के निर्देश दिए है।
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