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भूमाफिया ने कब्जा ली थी जमीन, खरीदार नहीं जानते जमीन का मालिक कौन
आगरा: जोंस मिल में अरबों रुपये की जमीन की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त हो चुकी है. जांच ईओडब्ल्यू कानपुर में चल रही है. 0 लोगों को नोटिस जारी कर उनके बयान भी दर्ज हुए, लेकिन किसी को भी जमीन के असली मालिक की जानकारी ही नहीं है. अब 0 अन्य लोगों को नोटिस जारी कर उनसे भी सवालों के जवाब मांगे गए हैं.
अरबों रुपये की इस जमीन में इतने झोल निकलकर सामने आ रहे हैं कि इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है. जमीन का असली मालिक कौन था. किसने इनकी जमीन पर कब्जा किया. किस तरह से जमीन अपने नाम कराई गई. जमीन को खुर्दबुर्द कर कैसे बेचा गया. बिना मानचित्र पास हुए निर्माण कैसे हो गए. इसी परिसर में काफी जमीन सरकारी भी है. नहर, सिंचाई, पुलिस विभाग की बेशकीमती जमीन पर भी भूमाफिया ने कब्जा कर लिया, लेकिन कोई इसको खाली नहीं करा पाया. ईओडब्ल्यू साक्ष्य जुटाकर लोगों के बयान दर्ज कर रही है.
भूमाफिया ने कब्जा ली थी जमीन: जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल में वर्ष 06 में जोंस परिवार को तत्कालीन कलक्टर ने विभिन्न शर्तों व नियमों के तहत नजूल व सरकारी भूमि उपलब्ध कराई थी. 36 में जोंस की मौत हो गई, जिसके बाद भूमाफिया ने नजूल भूमि कब्जा ली. कूटरचित दस्तावेजों से खरीद-फरोख्त करते हुए अरबों रुपये की संपत्ति अर्जित की. दिसंबर में तत्कालीन एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने डीएम को रिपोर्ट भेजी. 107.51 करोड़ की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की संस्तुति की थी.
इन सवालों के जवाब चाहिए:
● जमीन किससे और कब खरीदी
● जमीन का मालिक कौन था, उसका प्रमाण
● जोंस से जमीन बेचने वाले का क्या रिश्ता था
● क्या जोंस ने जमीन बेचने वाले को ये अधिकार दे रखा था
अन्य संपत्तियां भी निशाने पर:
ईओडब्ल्यू के निशाने पर कई अन्य संपत्तियां भी हैं. जल्द ही इनको भी नोटिस जारी करने की तैयारी है. इनमें कुछ मंदिर भी शामिल हैं. इनके भी अवैध जमीन पर बने होने की जानकारी आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को मिली है.
मुझसे पूर्व के अधिकारियों ने भी तमाम लोगों को नोटिस दिए. उनके बयान भी दर्ज कराए. उसके बाद मैंने चार्ज संभाला. मैंने जांच को अंतिम मुकाम तक ले जाने के लिए सवालों के जवाब मांगे, लेकिन कोई सही तरह से नहीं बता पाया. बल्कि, अब इन लोगों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया है. अब फिर से नोटिस जारी किए गए हैं.
विवेक शर्मा, सीओ ईओडब्ल्यू कानपुर