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फैंसी लाइट के चक्कर में लाखों के पोल किए कबाड़, बदायूं रोड से हटाए पोल
बरेली न्यूज़: शहर को स्मार्ट बनाने के लिए फैंसी लाइट, पोल लगाए जा रहे हैं. पुराने बिजली के पोल डिवाइडरों से हटाकर कबाड़ के रूप में फेंक दिए गए हैं. प्रकाश विभाग के अधिकारियों को न तो इसकी सुध है न इन्हें लगाने की परवाह है. बदायूं रोड के चौड़ीकरण में डिवाइडरों से हटाए बिजली पोल खाली प्लॉट में ही फेंक दिए गए हैं. उन्हें उठाने तक की जहमत निगम के प्रकाश विभाग को नहीं हुई है.
दो साल में नगर निगम बिजली पोल और लाइट की खरीदारी करता है. पटेल चौक से बरेली कॉलेज की ओर बने डिवाइडरों पर पहले से नगर निगम के बिजली पोल, लाइटें लगी थी. अब इस डिवाइडर को खूबसूरत दिखाने के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत फैंसी लाइट, पोल लगाए गए हैं. पुराने पोल, लाइटें हटाई नहीं गई है. जो हटाए गए वे गोदाम में कबाड़ में फेंके हैं.
बरेली विकास प्राधिकरण बदायूं पुल से करगैना तक सड़क चौड़ीकरण का काम कर रहा है. इस रोड के डिवाइडरों पर लगे बिजली पोल, लाइटों को हटाने के लिए नगर निगम के प्रकाश विभाग से प्राधिकरण अधिकारियों ने कहा था. टीम ने वहां से पोल, लाइट तो हटा ली लेकिन पोल को खाली प्लॉट में ही फेंक दिया गया. आसपास के लोगों का कहना है कि छह माह पहले यह बिजली पोल हटाए गए थे. शुगर मिल के पास एक प्लॉट में इन्हें फेंक दिया गया, जो आज तक नहीं उठाए गए है. नगर निगम जानकारों का कहना है कि पुराने एक खंभे की कीमत 35 से 42 हजार थी. स्मार्ट सिटी से लगाए गए फैंसी लाइट, पोल की कीमत 80 हजार से ऊपर है.
गोदाम में कबाड़ बने बिजली के पोल, लाखों में हुई थी खरीद नगर निगम ने शहर में पथ प्रकाश व्यवस्था बेहतर करने को कई लाख में बिजली के पोल, एलईडी लाइट खरीदी थी. स्मार्ट सिटी परियोजना से फैंसी लाइटें, पोल लगाए गए तो पुराने खंभे हटा दिए गए. इन खंभों को दूसरी जगह लगाना था, लेकिन प्रकाश विभाग की ओर से ये खंभे कबाड़ में नीलाम के लिए डाल दिए गए. वार्ड 65 सुरेश शर्मा नगर के वर्तमान पार्षद नरेश पटेल का कहना है कि आज भी उनके वार्ड में कई गलियां है जहां लाइट तो हैं लेकिन बिना पोल के लगी है.
बिजली पोल उतारने के बाद कहां लगाए गए इसकी सूचना प्रकाश विभाग से मांगी है. कितने पोल, लाइट उतारी इसी भी जानकारी मांगी है. जहां लाइट, पोल नहीं लगे हैं वहां उतारे गए पोल, लाइट को लगवाया जाएगा.
- निधि गुप्ता वत्स, नगरायुक्त