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अंधेरे जीवन में होगा उजाला: मजदूर की बेटी की चली गई आंखों की रोशनी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी मदद
jantaserishta.com
4 Nov 2021 11:41 AM GMT
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ललितपुर. ललितपुर के मजदूर परिवार के लिए उम्मीद की रोशनी बन गई हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी. दरअसल, 6 बरस पहले इस परिवार की एक बच्ची की आंखों की रोशनी चली गई थी. अब बच्ची की उम्र 12 साल है. छह साल से यह बच्ची अंधेरा जीवन जीने को मजबूर है. अब इस बच्ची की मदद के लिए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी आगे आई हैं.
प्रियंका गांधी के निर्देश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बच्ची को झांसी बुलवाकर चिकित्सक से जांच कराई. लेकिन झांसी में डॉक्टर ने इस बच्ची के बीमारी को ठीक करने में असमर्थता जताई. अब प्रियंका गांधी ने इस बच्ची का इलाज कराने के लिए उसे दिल्ली बुलाया है.
यह मामला कस्बा पाली के रहनेवाले मनोज बरार की बेटी नंदनी का है. 6 साल पहले जब नंदनी महज 6 साल की थी, उसकी आंखों की रोशनी अचानक चली गई थी. मनोज बरार और उनकी पत्नी ने अपने सामर्थ्य के मुताबिक, बेटी का इलाज करवाया. पर उसकी आंखों का इलाज न हो सका. मनोज और उसकी पत्नी दोनों ही मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह बच्ची का किसी अच्छे डॉक्टर या बड़े शहर में जाकर इलाज करा सकें. बीते दिनों प्रियंका गांधी जब ललितपुर के दौरे पर आई थीं, तो मनोज की पत्नी अपनी बेटी को लेकर उनकी गाड़ी के सामने खड़ी हो गई. प्रियंका गांधी ने गाड़ी रुकवा कर परिजनों से बात की, तो उन्होंने बेटी की आंखों की रोशनी जाने और आर्थिक तंगी होने पर मदद की गुहार लगाई थी. प्रियंका गांधी ने भी परिजनों को मदद का आश्वासन दिया था.
प्रियंका के निर्देश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बच्ची का इलाज झांसी में करवाने की कोशिश की, लेकिन वहां इलाज मुमकिन नहीं हो पाया. चिकित्सकों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि झांसी में इस बच्ची की आंखों का इलाज नहीं हो पाएगा. जब इस बात की जानकारी प्रियंका गांधी को हुई, तो उन्होंने बच्ची को दिल्ली भिजवाने की बात कही है. दीपावली के बाद उसके परिजन दिल्ली जाएंगे. गरीब परिजनों को विश्वास है कि अब उनकी बच्ची की आंखों की रोशनी एकबार फिर से लौट आएगी.
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