उत्तर प्रदेश

पानी की जांच के लिए UP में बनेगी प्रयोगशाला

Renuka Sahu
12 Aug 2022 4:18 AM GMT
Laboratory to be built in UP to test water
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फाइल फोटो 

दीनापुर एसटीपी के यांत्रिक शाखा में पानी की जांच के लिए प्रयोगशाला बनाई जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दीनापुर एसटीपी के यांत्रिक शाखा में पानी की जांच के लिए प्रयोगशाला बनाई जाएगी। इसके लिए गुरुवार को डेनमार्क के सात सदस्यीय दल ने दीनापुर एसटीपी का निरीक्षण किया व जल निगम के अधिकारियों के साथ बात की। नार्डिक कारपोरेशन डेनमार्क के डेवलपमेंट मिनिस्टर के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल अपराह्न 1.10 बजे दीनापुर पहुंचा। सबसे पहले वहां बने 140 एमएलडी प्लांट को देखा। वाराणसी के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता में जानकारी ली। जल निगम के अफसरों ने बताया कि लगभग 412 एमएलडी की क्षमता से सीवेज का ट्रीटमेंट होता है।

यह योजना 2030 तक के लिए है। डेनमार्क के दल ने लगभग 20 मिनट तक जानकारी ली। इसके बाद वहां पौधरोपण किया। नमामि गंगे के डीजी ने बताया कि डेनमार्क के लोग नई तकनीक से प्रयोगशाला बनाएंगे। इसमें सीवेज व पेयजल दोनों की जांच होगी। डेनमार्क के प्रतिनिधिमंडल ने जानी गंगा-वरुणा की स्थिति : डेनमार्क से 10 वैज्ञानिकों और मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में कमिश्नर दीपक अग्रवाल समेत प्रोफेसरों, पर्यावरणविदों व शोध छात्रों के साथ संवाद किया। गंगा और सहायक नदियों में पर्यावरण प्रबंधन की चुनौतियों से निबटने की रणनीति बनाई जाएगी।
संवाद के दौरान गंगा और वरुणा नदी की साफ-सफाई के लिए अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी गई। डेनमार्क के डेवलपमेंट कोआपरेशन मिनिस्टर फ्लेमिंग मोलर मोर्टेंसन और भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने, डेनमार्क फॉरेन अफेयर्स, स्थाई सचिव समेत सभी डेनिश डेलीगेट्स को गंगा-वरुणा पर किए जा रह शोधों की भी जानकारी दी गई।
मिनिस्टर फ्लेमिंग मोलर मोर्टेंसन ने कहा कि भारत और डेनमार्क पर्यावरण, नदी जल संरक्षण के क्षेत्र में पहली बार समझौता कर रहे हैं। वाराणसी में गंगा की सफाई के लिए स्मार्ट रिवर लैबोरेटरी की स्थापना होगी। बीएचयू के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो. एएस रघुवंशी ने वरुणा और अस्सी की स्थिति बताई। गंगा प्रहरी, नमामि गंगे और गंगा मित्रों ने प्रदर्शनी के माध्यम से अपने क्रियाकलापों की जानकारी दी।
गंगा किनारे तैयार किए 15 हजार जल संरक्षक
गंगा मित्र रोहित ने बताया कि प्रयागराज से बलिया तक गंगा के किनारे अमृत वन लगाए जाएंगे। इस बेल्ट में 15 हजार गंगा जल संरक्षक तैयार किए गए हैं। 15 जोन, 15 गंगा कोआर्डिनेटर, 120 गंगा सब कोआर्डिनेटर, 1500 वर्किंग साइट्स और 1500 कंजर्वेशन सोसायटी बनाई गंगा प्रहरी नागेंद्र निषाद ने डेनमार्क से डेलीगेट्स को गंगा किनारे रहने वाली महिलाओं के कुटीर उद्योग की जानकारी दी।
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