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उत्तर प्रदेश
जानें किस शहर में फैल रहा इस बीमारी का डर, कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स का खतरा
Admin4
25 May 2022 4:22 PM GMT

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कोरोना का खतरा अभी टाला नहीं है। उसी के बीच मंकी पाक्स का खतरा भी पैदा हो गया है। ये आगरा के लिए ज्यादा चिंता की बात है। यहां ताजमहल आने वाले दुनियाभर के सैलानियों के कारण ये खतरा पैदा हो सकता है। इसी को देखते हुए यूएसए, यूरोप, आस्ट्रेलिया और कनाडा से आने वाले पर्यटकों को ट्रेस करने की रणनीति बनाई जा रही है। संदिग्ध मरीज मिलने पर उसे आइसोलेट कर सैंपल को पुणे की लैब में भेजा जाएगा। इस संबंध में शासन ने अलर्ट भी जारी कर दिया है।
ताजमहल का दीदार करने वालों में अमेरिका, यूरोपियन देशों के अलावा आस्ट्रेलिया और कनाडा के भी काफी पर्यटक आते हैं। मंकी पाक्स के केस भी इन्हीं देशों में केस ज्यादा मिल रहे हैं। ऐसे में इन देशों के सैलानियों के ताजमहल का दीदार करने आने पर अन्य पर्यटकों को भी खतरा हो सकता है।
संदिग्ध को तत्काल करें आइसोलेट
शासन ने भी अलर्ट जारी कर कहा है कि इन देशों के सैलानियों के आने पर उनकी स्क्रीनिंग कराई जाए। यदि संदिग्ध नजर आएं तो तत्काल उन्हें आइसोलेट करते हुए उनके नमूने पुणे की लैब में भेज दें। साथ ही संदिग्ध के संपर्क वाले सभी लोगों की भी स्क्रीनिंग करा ली जाए। कोरोना के दौरान भी आगरा में इटली के सैलानियों में संक्रमण मिला था। बाद में आगरा के ही रहने वाले एक ही परिवार के पांच लोगों के संक्रमित होने पर भी उनमें इटली का कनेक्शन ही मिला था। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन देशों के सैलानी ताजमहल देखने के लिए आते हैं। वहां पर सतर्कता बरते जाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। उसी रणनीति पर काम चल रहा है।
चेचक वायरस परिवार से संबंधित है मंकीपाक्स
मंकीपाक्स चेचक वायरस परिवार से संबंधित है। इसे पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में देखा गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन हैं पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी। यूके में मिले संक्रमित रोगियों में से दो ने नाइजीरिया से यात्रा की थी। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि ये पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन हो सकते हैं। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ या फिर उसको छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है
मंकीपाक्स के लक्षण
मंकीपाक्स के संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती शामिल हैं। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।
सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया, मंकी पाक्स के किसी भी खतरे से निटपने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी तैयारी है। हालांकि अभी तक इस संक्रमण का कोई मरीज ट्रेस नहीं हुआ है। जैसे ही शासन से निर्देश प्राप्त होंगे वैसे ही स्क्रीनिंग की जाने लगेगी।
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