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- ख़ुशी दूबे को हर सोमवार...
कानपुर: बिकरु कांड की आरोपी खुशी दुबे 30 माह बाद जेल से तो बाहर आ गई, लेकिन न्यायालय के आदेशानुसार हर सोमवार को चौबेपुर थाना में हाजिरी लगाना है। इसी के तहत शनिवार को जेल से छूटने के बाद पहले सोमवार को आज वह मां के साथ थाना पहुंची और हाजिरी लगाई। जेल के अन्दर एवं बाहर के अपराधियों से पुलिस को इतना खौफ नहीं है, जितना खुशी दुबे से है। पुलिस को इतना भय हो चुका है कि जेल से बाहर आने के बाद से खुशी के घर की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
खुशी ने कहा कि मैं तो ऐसी अभागिन हूं जो शादी के कुछ ही दिन बाद विधवा हो गई। इसके साथ ही पुलिस ने गुनाहगार अलग से बना दिया। मैं तो बस इतना ही कहना चाहती हूं कि मेरे साथ जो हुआ वह किसी दुश्मन के भी साथ न हो।
बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे और उनकी मां गायत्री देवी न्यायालय के आदेश पर सोमवार को सुबह 11:30 बजे चौबेपुर थाने पहुंची और हाजिरी लगाई। शनिवार शाम को करीब 30 माह की जेल के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी दुबे को जमानत मिली है। मां गायत्री देवी के साथ थाने आई खुशी दुबे ने कहा कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है, आगे भी उसे न्याय ही मिलेगा।
कल्यानपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर पनकी स्थित अपने घर से चौबेपुर थाने पहुंचने में व्याप्त दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर खुशी ने कहा एक लड़की के लिए इतनी दूर से यहां आना जाना दिक्कतों भरा है, लेकिन यह न्यायिक प्रक्रिया है जिसके नियमों का पालन करना जरूरी है। वह पूरी तरह से नियमों का पालन करेंगी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन्होंने मदद करी है, उनका बहुत-बहुत आभार। लंबी सजा काटने के सवाल पर कहा कि मैं अभी इस पर कुछ नहीं कहना चाहती हूं। इससे पहले खुशी दुबे ने रविवार को परिवार संग पनकी स्थित हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। मीडिया से खुशी बोली कि मैं तो ऐसी अभागी हूं कि महज कुछ दिन सुहागिन रही। ऊपर से पुलिस ने अपराधी बना दिया। मेरे साथ जो हुआ वह किसी दुश्मन के भी साथ न हो। शादी के तीन दिन बाद ही घटना व जेल भेजे जाने के सवाल पर ख़ुशी ने कोई भी जवाब देने से इंकार कर दिया। खुशी दुबे की हाजिरी के दौरान थाना प्रभारी जगदीश पांडेय मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि दो जुलाई 2020 की रात कानपुर जनपद के चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरु कांड हुआ था, जिसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हुए थे। इस घटना से तीन दिन पहले ही खुशी दुबे की शादी बिकरु कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के सहयोगी अमर दुबे से हुई थी। बिकरु कांड की घटना के चार दिन बाद अमर दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।