उत्तर प्रदेश

केजीएमयू अब लगातार चार साल फेल होने वाले एमबीबीएस छात्रों को दिखाएगा बाहर का रास्ता, NMC की तैयारी शुरू

Renuka Sahu
13 Aug 2022 5:56 AM GMT
KGMU will now show the way out to MBBS students who fail for four consecutive years, preparation for NMC begins
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फाइल फोटो 

केजीएमयू अब लगातार चार साल फेल होने वाले एमबीबीएस छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केजीएमयू अब लगातार चार साल फेल होने वाले एमबीबीएस छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के नियमों को सख्ती से लागू करने की तैयारी है। यह जानकारी कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर दी।

शुक्रवार को कलाम सेंटर में पत्रकार वार्ता हुई। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि केजीएमयू में एमबीबीएस की 250 सीटें हैं। बीडीएस की 70 सीटों पर दाखिले हो रहे हैं। केजीएमयू में अभी ऐसे 37 छात्र हैं जो करीब 20 से 22 साल से एमबीबीएस पास नहीं कर पाए हैं। ज्यादातर छात्रों की शादी हो गई है। उनके बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं। वे अभी भी एमबीबीएस पास करने की जद्दोजहद में हैं। हमने ऐसे छात्रों को कई मौके दिए, रियायतें भी दीं। इसके बावजूद छात्र सफल नहीं हो रहे हैं। ऐसे छात्रों के अनुरोध पर केजीएमयू ने समिति का गठन किया था। समिति ने इनको पास करने के लिए विशेष कक्षाएं चलाने के लिए कहा था। इसका भी कोई असर देखने को नहीं मिला। सारी जुगत फेल होने के बाद अब केजीएमयू इन छात्रों के खिलाफ कठोर फैसला करने को मजबूर हैं।
गिनाई ये उपलब्धियां:
-केजीएमयू ने टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के साथ करार किया। केजीएमयू के पांच छात्र विदेश जा रहे हैं। इसके बाद फरवरी में टेक्सास के 10 छात्र केजीएमयू आएंगे।
-दंत संकाय के नए भवन में भी ओपीडी पर्चा बनेगा। अभी मरीजों को पुरानी डेंटल बिल्डिंग में पर्चा बनवाने जाना पड़ रहा है।
-कई विभागों में पीजी की सीटें बढ़ी हैं। दंत संकाय के हर विभाग में अब दो-दो सीट बढ़ गई हैं। रेस्पीरेटरी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, फॉर्माकोलॉजी विभागों में पीजी की सीट बढ़ी हैं। नए शैक्षिक सत्र से दाखिले होंगे।
-केजीएमयू में हॉस्पिटल आधारिक कैंसर मरीजों का पंजीकरण होगा। यहां प्रदेश भर से मरीज आ रहे हैं। मरीज पहले किस अस्पताल गया। इसकी जानकारी आसानी से हो सकेगी। इससे कैंसर मरीजों का सही आंकड़ा जुटाया जा सकेगा।
-केजीएमयू अन्य जनपदों में स्थित अस्पतालों से भी टेलीमेडिसिन से जुड़ जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि मरीज का पंजीकरण यहीं से हो जाएगा। मरीज की स्थिति गंभीर होने पर तुरंत केजीएमयू भेजा जा सकेगा।
-देश में मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केजीएमयू को नोडल सेंटर बनाया गया है। मंकी पॉक्स की जांच, इलाज व बाकी अस्पतालों का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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