उत्तर प्रदेश

श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए श्रीरामजन्म भूमि के पश्चिम पथ को चौड़ा करने के लिए पैमाइश शुरू

Admindelhi1
15 March 2024 6:06 AM GMT
श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए श्रीरामजन्म भूमि के पश्चिम पथ को चौड़ा करने के लिए पैमाइश शुरू
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प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया

फैजाबाद: श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान बालक राम की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद दर्शन के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए चतुर्दिक पथों के चौड़ीकरण की दिशा में पहल हो गयी है. भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में पिछले दिनों जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया था. उसी सिलसिले में जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को शासन की हरीझंडी भी मिल गयी है. इसके बाद प्रांतीय खंड लोनिवि की ओर से नये आगणन के लिए पैमाइश शुरू की गयी है.विभागीय अधिकारियों के अनुसार पूर्व निर्धारित मानकों के अनुसार बने अयोध्या धाम के 55 सम्पर्क मार्गों को सात से दस मीटर चौड़ी करने की योजना पहले से स्वीकृत है. इस योजना के सापेक्ष धनावंटन भी हो चुका है लेकिन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों की प्राथमिकताओं के कारण अधिकांश सम्पर्क मार्गों पर नालियों का ही निर्माण कराया गया. इस बीच अपेक्षा से कहीं अधिक भीड़ के कारण अफसरों ने नये सिरे मंथन शुरू कर सम्पर्क मार्गों की चौड़ाई को 15 मीटर करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय में सम्पर्क मार्ग की चौड़ाई दस मीटर ही रहेगी लेकिन सड़क के दोनों पटरियों पर डक्ट व फुटपाथ का भी निर्माण कराया जाएगा. इस दृष्टि से सड़क के दोनों तरफ ढ़ाई-ढ़ाई मीटर अतिरिक्त जमीन ली जाएगी.

अशर्फी भवन से रामपथ तक निर्माण प्रस्तावित

बताया गया कि श्रीरामजन्म भूमि के पश्चिम टेढ़ी बाजार से दुराही कुंआ, जैन श्वेताम्बर मंदिर, अशर्फी भवन, मत्त गजेन्द्र चौराहा व स्मारक सदन होकर रामपथ तक 18 सौ मीटर लंबे सम्पर्क मार्ग की चौड़ाई 15 मीटर निर्धारित किए जाने से स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया है. इस सम्पर्क मार्ग की वर्तमान समय में चौड़ाई कहीं -कहीं तीन मीटर तो कहीं -कहीं सात से नौ मीटर है. इस स्थिति में सड़क के मध्य से साढ़े सात-सात मीटर भूमि अधिग्रहण की जद में सैकड़ों भवन व मठ-मंदिर आच्छादित हो गये है. इसके चलते सभी सशंकित है. उधर कौशलेश सदन के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्याभास्कर महाराज ने प्रधानमंत्री/गृहमंत्री को को पत्र भेजा है. इस पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि उनके गुरु स्वामी राम नारायणाचार्य महाराज ने कौशलेश सदन का गोपुरम संवत 2018 में बनवाया था. वर्तमान में संवत् 2080 चल रहा है. इस लिहाज से गोपुरम 62 साल पुराना है. यह गोपुरम दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित है.

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