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बड़ी खबर
प्रतापगढ़। न्यू एंजिल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल में बुधवार की शाम हिन्दी पखवारा के समापन दिवस पर कवि गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती का कवियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर पूजन किया गया। कवि गोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि व साहित्यकार डॉ संगम लाल त्रिपाठी ' भंवर' ने किया। डॉ.दया राम मौर्य ' रत्न ' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे। सत्येन्द्र नाथ मिश्र मृदुल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के बाद कवि गोष्ठी की शुरुआत हुई। शीतला प्रसाद सुजान ने सुनाया कि टूटा हृदय उसी से जिससे बंधी प्रीति की डोर। इं. चन्द्र कांत त्रिपाठी की पंक्ति जब तक मन न भरे बुला लो मुझे पर ताली बजी।राज मूर्ति सिंह सौरभ ने आइना तोड़ा गया इसका गिला कुछ भी नहीं, गम तो यह है कि आइना से आइना तोड़ा गया सुनाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। समाज का चित्रण करते हुए उन्होंने आगे कहा कि कल भी सच थी अब भी सच है पुरखों की यह बात, जो मेहनत की रोटी तोड़े, चमके उसका भाल-सुनाकर श्रोताओं को सोचने की मजबूर कर दिया।
इसी कड़ी में आलम आजाद ने दादा की नीम पर अपनी कविता पाठ करते हुए सुनाया कि इन्हीं तमाम पेड़ों के बीच नीम का पेड़ हुआ करता था चोटू- ऐसी पंक्तियां सुनाकर पहले और अबके ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण पेश किया। हिन्दी के महत्व पर बोलते हुए शेष नारायण दूबे राही ने पढ़ा लक्ष्मीबाई की तलवार है हिन्दी, सुभद्रा के माथे की बिंदी है हिन्दी। नवोदित कवियत्री अर्चना सिंह ने हमारे देश भारत का सुखद सम्मान है हिन्दी, हर एक हिंदुस्तानी के लिए सम्मान है हिन्दी-सुनाकर हिन्दी के महत्व की गरिमा बढ़ा दिया। सुनील प्रभाकर ने वो सच में हमसे खफा नहीं हैं, वो दूर हैं लेकिन जुदा नहीं है-पूरे लय के साथ सुनाकर भरपूर तालियां बटोरी। अनीस देहाती ने जन जन की बानी बाटइ आज हिन्दी, जग में सम्मान पावत अहइ हिन्दी जैसी पंक्तियां सुनाकर हिन्दी के प्रति लोगों का भाव जगा दिया।
अरुण केशरवानी ने सुनाया कि संस्कृत की लाडली बेटी है हिन्दी, सूर के सागर की गागर है हिन्दी सुनाकर हिन्दी के महत्व को बढ़ाया। गजेन्द्र सिंह विकट ने अपने लहज़े में पाठ करते हुए सुनाया कि हो मुद्दत से परिचित नवेली नहीं हो, मैं हूं तेरे साथ अकेली नहीं हो। उनकी कविता श्रोताओं द्वारा भरपूर सराही गई। हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रदीप चित्रांशी इलाहाबादी ने वतन के भाल पर शोभित हमारी शान है हिन्दी, हमारी सभ्यता की पहचान है हिन्दी, हमारी सांस में बसती हमारी जान है हिन्दी-सुनाकर सामयिक रचना पढ़ी। डॉ श्याम शंकर शुक्ल श्याम ने काव्य गोष्ठी का सफल संचालन किया। कार्यक्रम में उपस्थित 32 कवियों व शायरों को माला, शाल व प्रशस्ति पत्र देकर आयाेजिका डॉ शाहिदा ने सम्मानित किया।
कवि गोष्ठी में सर्जन डॉ०आरके सिंह अति विशिष्ट अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वय राजमूर्ति सिंह सौरभ, डॉ प्रदीप चित्रांशी प्रयागराज रहे। कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों में शैलेन्द्र मिश्र, ब्रजेश त्रिपाठी, डीपी सिंह एवं अखिल नारायण सिंह के अलावा डॉ बृज भानु सिंह, उदय भानु सिंह, संजीव आहूजा, अंजनी सिंह, अश्वनी केशरवानी, डॉ श्रद्धा सिंह व प्रदीप शुक्ल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की प्रबंधक डॉ शाहिदा ने अभी अतिथियों व कवियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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