उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: हाई कोर्ट 20 मई को करेगा अगली सुनवाई

Rani Sahu
16 May 2022 6:24 PM GMT
काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: हाई कोर्ट 20 मई को करेगा अगली सुनवाई
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काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई

प्रयागराज: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने वाराणसी कोर्ट कमीशन के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान मिले विशाल शिवलिंग और मंदिर के तमाम अवशेषों की जानकारी दी. साथ ही परिसर में मिले शिवलिंग वाली जगह को सील करने और वहां की सुरक्षा बढ़ाए जाने की जानकारी दी.

मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने अपने बहस के दौरान कोर्ट में कहा कि वक्फ एक्ट हिंदुओं से जुड़े मामलों में लागू नहीं होता है. उन्होंने कहा कि पूर्व में मुगलों ने अगर किसी धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ किया है, तो वहां पर कोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र है. कोर्ट मामले में अपना निर्णय दे सकती है. मंदिर पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की जगह पर सतयुग से मंदिर का स्थान है. उस जगह की धार्मिक स्थिति आज भी मंदिर की है.
याचिका खारिज करने की अपील की
विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट में बताया कि सन 1936 में दीन मोहम्मद, मोहम्मद हुसैन व मोहम्मद जकारिया ने बनारस अधीनस्थ अदालत में घोषणात्मक वाद दायर किया था. जिसमें मौजा शहर खास, परगना देहात अमानत, बनारस गाटा 9130 रकबा एक बीघा नौ बिस्वा छः धुर, चबूतरा, पेड़, पक्का कुआ आदि को वक्फ संपत्ति घोषित करने और अलविदा नमाज पढ़ने की प्रार्थना की गई थी. कोर्ट ने दावा साबित न कर पाने के कारण उस दौरान खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में प्रथम अपील 1937 में दाखिल की गई, जो 1942 मे निर्णीत हुई. जिसमें केवल तीनों मुकदमा वादी को ही नमाज पढ़ने की इजाजत मिली थी. विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि इसका फायदा दूसरा कोई नहीं उठा सकता. इसलिए याचिका खारिज की जाए.
20 मई को होगी अगली सुनवाई
समय अभाव के चलते आज मामले में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट ने बीस मई को मामले में अगली सुनवाई के लिए तारीख नियत की है. माना जा रहा है कि अगली तारीख पर कोर्ट मामले में अपना फैसला रिजर्व यानी सुरक्षित कर सकता है. क्योंकि इसके पहले मस्जिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है. केंद्र सरकार के अपर सॉलिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह व राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता भी कोर्ट में मौजूद रहे. फिलहाल हाईकोर्ट अधीनस्थ अदालत के विवादित परिसर का ASI से सर्वे कराने के आदेश पर लगी रोक 31 मई तक बढ़ा चुकी है.
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