उत्तर प्रदेश

कासगंज: तहसील के 11 गांवों को खाली कराने के निर्देश

Suhani Malik
11 Aug 2022 7:18 AM GMT
कासगंज: तहसील के 11 गांवों को खाली कराने के निर्देश
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ब्रेकिंग न्यूज़: कासगंज के पटियाली क्षेत्र में सहबाजपुर मार्ग पर गंगा का लगातार दबाव बढ़ने से सड़क कटने लगी है। इससे आसपास के तमाम गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने बरौना सहित 11 गांवों को खाली कराने का निर्देश जारी किया है। प्रशासन ने इन्हें दूसरे जगह शिफ्ट करने के साथ ही भोजन और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने को कहा है। डीएम हर्षिता माथुर ने कहा कि बरौना गांव में कटान रोकने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं, लेकिन गंगा की धारा का प्रकोप तेज है। ऐसी स्थिति में सड़क के कटने पर देवी आपदा की स्थिति बन सकती है। इसे देखते हुए समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बरौना सहित अन्य गांव म्यूनी, धर्मपुर ,ब्रह्मपुर ,बगवास, बस्तौली घबरा, जघई, समसपुर, नवाबगंज नगरिया ,नगला डामर की हजारों बीघा फसलें और आबादी के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को बाढ़ चौकियों पर शिफ्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चिंताजनक बात यह है कि नदी किनारे तेजी से जमीन का कटान हो रहा है। नदी किनारे बसे पांच हजार आबादी वाले गांव बरौना के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। बुधवार को सैकड़ों ग्रामीण गांव को कटान से बचाने के लिए जद्दोजहद करते रहे।

गंगा में तेजी से हो रहा कटान गांव के सहबाजपुर मार्ग पर गंगा के कटान का तेज प्रभाव था, क्योंकि यह सड़क ही अभी तक गांव की आबादी को बचाने का सहारा बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क कटी तो गंगा की धारा बरौना में पहुंच जाएगी। आसपास के गांव घबरा, म्यूनी, छितैरा, बगवास, कालीगढईया, समसपुर, नगरिया, नगला डामर आदि गांवों में भी बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा। गंगा में नरौरा से जो डिस्चार्ज मंगलवार को था, यही डिस्चार्ज बुधवार को बना रहा। जिसके कारण कछला गंगाघाट पर सड़क तक पानी पहुंच गया। हरिद्वार और बिजनौर से डिस्चार्ज नहीं बढ़ा तो नरौरा का डिस्चार्ज कम होगा। जिससे जलस्तर में कमी आ सकती है, लेकिन जिन तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी एकत्रित हो गया है, वह पानी अभी वापस नहीं लौट पाएगा। जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें त्योहार पर बरकरार रहेंगी। बमनपुरा गांव में पहुंचा बाढ़ का पानी सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि हरिद्वार और बिजनौर बैराजों से डिस्चार्ज घटा है। जिससे नरौरा से डिस्चार्ज कम होगा। नरौरा का डिस्चार्ज कम होने पर जलस्तर में कमी आएगी और लोगों को राहत मिलेगी। सिंचाई विभाग की टीमें कटाने रोकने के प्रयास कर रही हैं।

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