उत्तर प्रदेश

करकरावल प्रपात 2.47 करोड़ से संवरेगा

Admindelhi1
22 March 2024 6:19 AM GMT
करकरावल प्रपात 2.47 करोड़ से संवरेगा
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इस जलप्रपात के सुंदरीकरण पर 2.47 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी.

कानपूर: जखौरा से धुरवारा होते हुए बारदौन ग्राम पंचायत स्थित गोशाला के नजदीक बेतवा नदी पर करकरावल जल प्रपात्र के खूबसूरत नजारे का आनंद अब सैलानी सुविधाजनक ढंग से ले सकेंगे. इस जलप्रपात के सुंदरीकरण पर 2.47 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी.

बुंदेलखंड स्थित जनपद ललितपुर ऐतिहासिक, पुरातात्विक और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है. पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए शासन ने देवमाता मंदिर परिसर, करकरावल जलप्रपात व बंदरगुढ़ा में पर्यटन संबंधी विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी. देवामाता मंदिर परिसर में भव्य हाल का आधुनिक सुविधाओं सहित निर्माण, पेवर ब्रिक्स, सोलर लाइट, पार्किंग, इंटरलॉकिंग आदि कार्य कराए जाएंगे. इससे श्रद्धालुओं व यात्रियों को सुविधा होगी. वहीं करकरावल जल प्रपात बदरोन पर गैजेबो, पार्किंग, इंटरलॉकिंग, फेंसिंग, पाथवे आदि कार्य कराए जाएंगे.

इससे इस स्थान पर पर्यटक सुविधाजनक ढंग से आने जाने लगेंगे. साथ ही मौके पर उनको बैठने ठहरने की सुविधा होगी. बंदरगुढ़ा में रोड आदि कार्य आवागमन आसान बनाएंगे.

संस्कृति व विरासत से जुड़ेंगे, रोजगार भी मिलेगा ललितपुर. सदर विधायक रामरतन कुशवाहा ने कहा कि जनपद के पर्यटन स्थल विकसित होने से जहां लोग अपनी संस्कृति और विरासत से परिचित होंगे वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

जनपद में फैली धरोहरों की तस्वीर बदलने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. हेरिटेज और ईको टूरिज्म के विकास के लिए जनपद में असीम संभावनाएं हैं. इस दिशा में काम चल रहा है. पर्यटन और पुरातात्विक स्थलों को साफ स्वच्छ रखने में हम सभी को योगदान देना चाहिए. शासन प्रशासन के कार्य धरातल पर फलीभूत हो रहे हैं. इससे सैलानियों को सुंदरता देखने को मिलेगी.

करकरावल यहां बेतवा करकरावल में सात धाराओं में विभाजित हो जाती है. मुख्य धारा जल प्रपात का रूप लेकर लगभग पंद्रह फिट ऊंचाई से नदी में ही नीचे गिरती है. यह दृश्य बहुत ही मनमोहक रहता है. दिसंबर से लेकर मई माह तक यह दृश्य देखने के लिए समय-समय पर लोग आते जाते रहते हैं.

देवा माता मन्दिर तेरई फाटक से छह किलोमीटर दूर स्थित देवा माता मंदिर क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों में शुमार है. यहां नवरात्रि पर्व बड़ा धूमधाम से मनाया जाता है. समय-समय पर यहां धार्मिक और सामाजिक आयोजन होते रहते हैं. स्थानीय के साथ-साथ दूरदराज के व्यक्ति यहां श्रद्धा रखते हैं.

बंदरगुढ़ा बेतवा नदी के डूब में बना यहां का वोट क्लब जनपद की पहचान बन चुका है. यहां के सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देखने के लिए दूरदराज से आते लोग नौकायन का भी लुफ्त उठाते हैं. लिफ्ट कैनाल परियोजना जेपीसी अपने आप में इंजीनियरिंग का नायाब उदाहरण है. इसका पहाड़ीनुमा रास्ता जनपद में उत्तराखंड की याद ताजा करता है.

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