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उत्तर प्रदेश
कानूनगो व लेखपाल ने कहा- हमारे फर्जी हस्ताक्षर से स्थानांतरित हुई जमीन
Kajal Dubey
14 Aug 2022 10:36 AM GMT
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गोरखपुर । सदर तहसील के जंगल डुमरी नंबर दो की 26 एकड़ सरकारी जमीन के वरासत के मामले में तहसीलदार सदर की ओर से किए गए दावों की कानूनगो व लेखपाल हवा निकालने की तैयारी में हैं। तहसीलदार ने दोनों कर्मियों की रिपोर्ट के बाद ही वरासत करने का दावा किया है लेकिन तहसील के सूत्रों की मानें तो दोनों कर्मी इस मामले में किसी तरह की रिपोर्ट देने से ही इनकार कर रहे हैं। उनकी ओर से रिपोर्ट पर किए गए हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया गया है। कानूनगो और लेखपाल के इस बयान से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
पुराने हस्ताक्षर से मैच कराया जाएगा फाइल पर किया गया हस्ताक्षर
बयान पर किए गए हस्ताक्षर को कानूनगो एवं लेखपाल के पुराने हस्ताक्षर से मैच कराया जाएगा। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, जमीन से जुड़ी अन्य अनियमितताओं के संकेत भी मिलने लगे हैं। जांच अभी लंबी चलने के आसार हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में अभी कई और बड़े नाम सामने आएंगे।
कानूनगो, लेखपाल की रिपोर्ट पर सरकारी जमीन का वरासत करने का तहसीलदार ने किया है दावा
जिलाधिकारी के निर्देश के बाद मुख्य राजस्व अधिकारी सुशील कुमार गोंड एवं अपर जिलाधिकारी नगर विनीत कुमार सिंह ने लगातार दूसरे दिन भी जांच की और कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। जिलाधिकारी ने इस मामले में दोनों अधिकारियों को बुलाकर जांच की प्रगति जानी। तहसीलदार ने अपने बयान में लेखपाल शैलेष चंद सिंह, तत्कालीन कानूनगो घनश्याम शुक्ल एवं पेशकार गिरिजेश कुमार पर गुमराह कर वरासत कराने का आरोप लगाते हुए 29 जुलाई की तिथि में स्पष्टीकरण भी जारी किया था।
हस्ताक्षर की हो रही जांच
सूत्रों की मानें का कहना है कि तत्कालीन कानूनगो ने इस मामले में किसी तरह का बयान देने की बात से साफ इनकार किया है और इस संबंध में तहसीलदार द्वारा जो पत्रावली प्रस्तुत की गई है, उसपर हुए हस्ताक्षर को फर्जी बताया है। जांच समिति कानूनगो के इस दावे की भी गहनता से जांच करेगी। इधर तहसीलदार के साथ ही तहसीलदार न्यायिक के पेशकार गिरिजेश कुमार को भी पटल से हटा दिया गया है।
कई लोगों ने करा लिया है बैनामा
भटहट क्षेत्र की जिस 26 एकड़ जमीन को लेकर जांच चल रही है, उसमें कई लोग बैनामा भी करा चुके हैं। पावर आफ अटार्नी लेकर कुछ लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री की है। इसमें से कुछ के नामांतरण तो हुए हैं लेकिन कई लोगों की फाइल अटकी है। जमीन को लेकर अनियमितता उजागर होने के बाद बैनामा कराने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है। जांच में इस बात पर भी फोकस किया जा रहा है कि किस तरह से लोगों ने वहां बैनामा कराया। वर्तमान में भी कुछ लोग सामने आ रहे हैं, जो वर्तमान में अपने पास पावर आफ अटार्नी होने का दावा कर रहे हैं। इसी जमीन में कलेक्ट्रेट से सेवानिवृत एक कर्मचारी ने रजिस्ट्री कराई है। चरगांवा ब्लाक पर तैनात एक कर्मचारी ने भी इस जमीन का कुछ हिस्सा बैनामा कराया है।
यह है मामला
कोलकाता निवासी अतुलकृष्ण बनर्जी, केदारनाथ मुखर्जी, शैलेंद्रनाथ मुखर्जी, लक्खी देवी के नाम भटहट ब्लाक के जंगल डुमरी नंबर दो पर करीब 26 एकड़ से अधिक जमीन दर्ज थी। जमीन का कोई वारिस न होने के कारण 2019 में इसे ग्राम सभा में निहित कर दिया गया। उसके बाद नगर निगम को यह जमीन आवंटित की गई। नगर निगम द्वारा दूरी का हवाला देते हुए जमीन का उपयोग न करने की बात कही गई तो इसे वेटनरी कालेज के फार्म के लिए आवंटित कर दिया। अचानक 25 मई 2022 को यह जमीन तहसीलदार द्वारा वरासत कर दी गई। दो मूल खातेदारों का पुत्र होने का दावा करने वाले दो लोगों के पक्ष में जमीन की वरासत की गई थी। इसके बाद इसमें से कुछ हिस्सा जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग के नाम कर दिया। मामला उजागर होने के बाद तहसीलदार ने 29 जुलाई की तिथि में वरासत को निरस्त कर दिया है।
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