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डिजाइन के बूते ढह रहे लेदर एक्सपोर्ट को बचाएगा कानपुर
कानपूर न्यूज़: कानपुर लेदर एक्सपोर्ट को डिजाइन के सहारे ढहने से बचाएगा. इससे न सिर्फ कारोबार को विस्तार मिलेगा बल्कि आमदनी में भी इजाफा होगा. अब तक बनाए और एक्सपोर्ट किए जाने वाले उत्पादों में चमड़ा तो यहां का होता था, लेकिन डिजाइन विदेशी होती थी.
दरअसल, विदेशों में चमड़े के दम पर डंका बजाने वाले कानपुर के निर्यातकों ने अब लेदर निर्यात को बचाने के लिए पहल की है. अब तक कानपुर के चमड़ा निर्यातक विदेशों की डिजाइन को कॉपी करके ही माल भेजते हैं, लेकिन अब डिजाइन पर भी यहां की मुहर लगेगी. निर्यातकों का यह कदम चमड़ा निर्यात उद्योग के लिए बड़ा उपयोगी माना जा रहा है. करीब सात से आठ हजार करोड़ का सालाना कारोबार करने वाले कानपुर के चमड़ा निर्यातकों ने बाजार में बढ़ रही प्रतिस्पर्धा व चीन, स्पेन, इटली जैसे देशों की तरह खुद की डिजाइन वाले प्रोडेक्ट बनाने का फैसला किया है. इसके लिए करीब 13 बड़े चमड़ा निर्यातकों ने अपने यहां डिजाइन सेल भी बनाई है. फिलहाल मांग व फैशन के अनुरूप डिजाइन बनाई जा रही है. कानपुर-उन्नाव लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने बताया कि विदेशों से मिलने वाली डिजाइन को कॉपी करके ही प्रोडेक्ट तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन अब आगे ऐसा नहीं होगा. स्थानीय स्तर पर तैयार डिजाइन प्रोडेक्ट पर दिखेगी.
20 से 25 फीसदी दाम भी ज्यादा मिलेंगे चमड़ा निर्यातकों का मानना है कि खुद की डिजाइन होने से कारोबार को नई दिशा मिलेगी. प्रोडेक्ट के साथ-साथ अपनी डिजाइन होने से 20 से 25 फीसदी दाम भी ज्यादा मिलेंगे. साथ ही डिमांड बढ़ने से बाजार भी बढ़ेगा.
कवायद होते ही आने लगे विदेशी डिजाइनर मुख्तारुल अमीन ने बताया कि दस से 13 यूनिटों में डिजाइन तैयार की जा रही है. डिजाइन देखने के लिए इटली व अन्य देशों के डिजाइनर भी आ रहे हैं.
डिजाइन लेकर जाएंगे इटली
कानपुर की डिजाइन के प्रचार-प्रसार की भी तैयारी है. इटली में लगने वाले विश्वस्तरीय मेले में यहां के भी निर्यातक शामिल होंगे. मुख्तारुल अमीन के मुताबिक, इटली में बड़े स्तर पर कई देश के कारोबारी आएंगे. इसलिए 225 डिजाइन लेकर कानपुर के निर्यातक मेले में भाग लेंगे.
मदद करेगा कॉमन सेंटर
ऐसे छोटे निर्यातक, जो आर्थिक व अन्य कारण से खुद की डिजाइन तैयार नहीं कर सकते हैं, उनके को भी बेहतर व फैशन के अनुरूप डिजाइन मिले, इसके लिए सीएलई की ओर से कॉमन डिजाइन सेंटर खोलने की तैयारी है. राज्य व केंद्र सरकार से भी इस मामले में जल्द बात होगी.
सेंट्रल एशिया में होगी पकड़
जानकारों का कहना है कि कानपुर का चमड़ा अभी कई देशों तक अपनी पकड़ नहीं बना सका है. चिली, रशिया, अफ्रीकन देशों के अलावा सेंट्रल एशिया के बाजारों में कानपुर के चमड़े को पहुंचाना लक्ष्य है. इसके अलावा यूरोप के भी कई देशों में और मजबूती बनाना है.
खुद की डिजाइन से कारोबार को पंख लगेंगे. अभी तक काम में हाथ हमारा होता था पर दिमाग मतलब डिजाइन विदेशियों या नामी कंपनियों का था. अब स्थिति बदल चुकी है. अब हाथ भी हमारा व दिमाग भी हमारा होगा. -जावेद इकबाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष सीएलई