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कानपूर: जनपद में बारिश भले ही न थमी हो लेकिन बांधों में पानी की आवक जारी रही. जिसकी वजह से जनपद के आठ बांधों से जल निकासी हुई. राजघाट से इस मानसून में सर्वाधिक सवा तीन लाख तो वहीं माताटीला बांध से साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी बेतवा में डिस्चार्ज किया गया. नदी के आस पास गांव में लोग चौकन्ना हो गए हैं.
इस बार इंद्रदेव की जनपद पर बड़ी कृपा दृष्टि है. यहां प्रचुर मात्रा में बारिश होने के साथ ही मध्य प्रदेश के भोपाल और आस पास क्षेत्र में झमाझम जारी है. जिसकी वजह से पोखर, तालाब लबालब हो गए. वहीं नदियों, नालों में पानी हिलोरे मारकर बांधों में पहुंचने लगा है. बीते दो दिनों से हो रही बारिश के चलते बांधों का जलस्तर बढ़ गया और रोस्टर के मुताबिक गेट खोलकर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. बारिश तो रुक गयी लेकिन नदियों और नालों से बांधों में पानी की आवक और निकासी दोनों जारी रही. राजघाट बांध और माताटीला बांध से कल की अपेक्षा सुबह से अधिक जलराशि का डिस्चार्ज किया गया. राजघाट बांध से 3,15,928 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है. यह पानी माताटीला में भरने से उसका जलस्तर तेजी से चढ़ता देख सिंचाई विभाग अफसरों ने रोस्टर मेंटेन करने के लिए 3,33,652 क्यूसेक पानी माताटीला बांध से डिस्चार्ज किया. इससे बेतवा नदी के आस पास बसे गांवों की खेती पानी में डूब गयी.
किसान चाहकर भी उसको बचा नहीं सके. इसके अलावा शहजाद नदी पर बने गोविंद सागर बांध से 5,059 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे शहजाद बांध का जलस्तर बढ़ गया. परिणामस्वरूप शहजाद बांध के गेट खोलकर 3,984 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. बारिश से कचनौंदा बांध का जलस्तर भी बढ़ने से इससे 2,896 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया. जमरार बांध से 1,325, बंडई से 4500 और भौरट बांध परियोजना से 198 क्यूसेक पानी छोड़ने से इनसे जुड़ी नदियों में पानी का प्रवाह तेज हो गयी. बांधों के जलभण्डारण पर नजर बनाए रखने के लिए सिंचाई विभाग अधिकारी यहां डटे हुए हैं. वह समय-समय पर होने वाली जल निकासी व भराव की जानकारी आला अफसरों को भेज रहे हैं.