उत्तर प्रदेश

कानपुर हिंसा : जेल से छूटने के बाद PFI के 5 सदस्यों में दो गायब, एटीएस के छापे में मिले नदारद

Deepa Sahu
7 Jun 2022 12:44 PM GMT
कानपुर हिंसा : जेल से छूटने के बाद PFI के 5 सदस्यों में दो गायब, एटीएस के छापे में मिले नदारद
x
नई सड़क और दादा मियां का हाता में शुक्रवार को हुए उपद्रव में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) को जांच शुरू करते ही बड़ा मामला हाथ लगा है।

कानपुर, नई सड़क और दादा मियां का हाता में शुक्रवार को हुए उपद्रव में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) को जांच शुरू करते ही बड़ा मामला हाथ लगा है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा भड़काने वाले पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के जिन पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से दो गायब हो गए हैं। इधर एटीएस ने सोमवार को कानपुर के साथ ही लखनऊ व फतेहपुर के कई ठिकानों पर छापेमारी की।

कानपुर में सीएए के विरोध में हुई हिंसा के बाद गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पर बाबूपुरवा पुलिस ने जनवरी 2020 में बजरिया के रामबाग कालोनी निवासी मोहम्मद उमर, लेबर कालोनी फहीमाबाद निवासी सैयद अब्दुल हई हाशमी, बादशाहीनाका के कुली बाजार निवासी फैजान मुमताज, बड़ा कुरियाना अनवरगंज निवासी मोहम्मद वासिफ और सरवर आलम को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि सीएए बवाल में पीएफआइ की ओर से इन्होंने फंडिंग की थी। पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया था कि संगठन के यूपी प्रमुख लखनऊ निवासी वसीम के इशारे पर उन्होंने कानपुर में हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई थी।
कई महीने पहले यह लोग जेल से जमानत पर रिहा हो चुके हैं और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब एटीएस ने उपद्रव की जांच शुरू की तो सबसे पहले इन्हीं पांचों की तलाश की। एटीएस सूत्रों के मुताबिक पांच में से तीन सदस्य अपने घर पर मिले।
एटीएस ने उनसे पूछताछ की। बाकी दो सदस्य अपने पते पर नहीं मिले। उन्होंने अगर घर बदला तो पुलिस को क्यों नहीं बताया यह बड़ा सवाल है। वहीं पुलिस ने भी उनकी सुध नहीं ली, इसी लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एटीएस ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। एटीएस ने संदिग्धों की तलाश में कानपुर में करीब सात स्थानों पर छापा मारा। यहां से एटीएस ने चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसके अलावा लखनऊ व फतेहपुर में भी एटीएस द्वारा छापेमारी की सूचना है।
Deepa Sahu

Deepa Sahu

    Next Story