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कानपूर: केडीए जल्द ही कानपुर व देहात के 84 और गांवों का नक्शा पास करेगा. यह राजस्व गांव जल्द केडीए में शामिल होंगे. इससे जिला पंचायत को तगड़ा झटका लगेगा. इन गांवों में नक्शा पास करने का अधिकार अब जिला पंचायत से छिन जाएगा. इसमें 60 गांव कानपुर व 24 कानपुर देहात के हैं. शासन से मांगी गई रिपोर्ट जिला पंचायत ने भेज दी है.
वर्तमान में जिले के 270 गांवों का नक्शा केडीए तो शेष गांवों का जिला पंचायत पास करता है. दोनों ही विभाग अपने-अपने गांवों में विकास कराते हैं. अब 84 राजस्व गांवों के विकास को देखते हुए उनको केडीए में शामिल करने की कवायद हो रही है.कानपुर के चारों तरफ प्रस्तावित रिंग रोड, ग्रीन फील्ड लखनऊ एक्सप्रेस-वे और रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम आदि का हवाला दिया गया था.84 में से दो गांव सदर तहसील, 18 गांव नर्वल, 40 गांव बिल्हौर, 11 अकबपुर और मैथा के 13 गांव हैं. ये गांव केडीए के कार्यक्षेत्र में 470 राजस्व गांव आ जाएंगे.
सिर्फ कुछ गांवों तक सीमित रहेगा जिला पंचायत 84 गांव छिनने के बाद जिला पंचायत की आय का स्रोत काफी कम हो जाएगा. जिला पंचायत के पास घाटमपुर, बिल्हौर, नर्वल और दूर के गांव ही नक्शा पास कराने के लिए बचेंगे. लोग कम ही नक्शा पास कराते हैं. कुछ महीने पहले जिला पंचायत और केडीए में तनातनी हो गई थी.
बोर्ड बैठक में पास कराकर प्रस्ताव भेजा गया है. शासन स्तर पर कवायद तेजी से चल रही है. पूरी रिपोर्ट और स्थिति को साफ कर दिया गया है. 84 गांव केडीए में शामिल होंगे. विकास केडीए कराएगा. -अभय कुमार पांडेय सचिव केडीए
84 गांव केडीए को देने के लिए शासन से रिपोर्ट मांगी गई थी, जो दे दी गई है. अब उन गांवों में नक्शा केडीए पास करेगा. इससे पहले भी 270 गांव का नक्शा केडीए पास कर रहा है. राजस्व कम होगा.
-रवींद्र कुमार गुप्ता, अपर मुख्य अधिकारी,जिला पंचायत
यहां कुछ नहीं कर सका केडीए
करीब दो दशक पहले केडीए को देहात के करीब 135 गांवों के अलावा माती मुख्यालय को मॉडल टाउन बनाने की जिम्मेदारी मिली थी पर इतनी अवधि बीतने के बाद भी केडीए ने यहां काम नहीं किया. हिंदूपुर कटरी निवासी किशनपाल ने बताया कि बिठूर मैनावती मार्ग के हिंदूपुर गांव में मकान से लेकर प्लाटिंग का नक्शा पास कराना पड़ रहा है पर केडीए से सुविधाएं नहीं मिलीं.